नेपाल के मुख्य न्यायाधीश पर महाभियोग (impeachment) चलाया गया

नेपाल के मुख्य न्यायाधीश पर महाभियोग (impeachment) चलाया गया

चोलेंद्र शमशेर राणा (Cholendra Shumsher Rana) नेपाल के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश हैं। उन्हें हाल ही में “महाभियोग प्रक्रिया” का सामना करना पड़ा। वह सात साल में महाभियोग का सामना करने वाले देश के दूसरे मुख्य न्यायाधीश हैं।

मुख्य बिंदु 

चीफ जस्टिस राणा को निलंबित कर दिया गया है। उनके निलंबन के बाद, नेपाल के सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश दीपक कार्की (Dipak Karki) ने उनका पद संभाला है। नेपाल की संसद के 98 सांसदों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किये हैं। ये सांसद देश की कांग्रेस पार्टी, माओवादियों और एकीकृत समाजवादी पार्टी के हैं। कम्युनिस्ट पार्टी वर्तमान विपक्षी दल है।

पृष्ठभूमि

नेपाल में बार-बार महाभियोग मुख्य रूप से राजनीतिक मतभेदों के कारण होता है। नेपाल की न्यायपालिका लंबे समय से राजनीतिक दलों के प्रभाव में है। महाभियोग पारित करने वाले तीन पक्ष अब तक विभाजित थे। लेकिन वे अचानक मुख्य न्यायाधीश पर महाभियोग चलाने के लिए एक साथ आ गए हैं।

महाभियोग के बारे में नेपाल का संविधान क्या कहता है?

मुख्य न्यायाधीश को निलंबित करने के लिए सदन की कुल संख्या का 25% वोट पर्याप्त है। यह कमजोर मानदंड मुख्य न्यायाधीशों पर बार-बार महाभियोग चलाने का मुख्य कारण है।अन्य लोकतंत्रों में, संसद एक समिति बनाती है। यह समिति मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ दर्ज आरोपों की जांच करती है।

नेपाल के मुख्य न्यायाधीश

उनकी नियुक्ति नेपाल के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। उनका कार्यकाल 6 साल का होता है। वह नेपाल की न्यायिक शाखा के प्रमुख हैं। वह नेपाल की न्यायिक प्रणाली के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश की तरह, नेपाल के मुख्य न्यायाधीश को भी अपनी इच्छा से विभिन्न पीठों को मामले आवंटित करने का अधिकार है।

राणा जुड़े हुए विवाद

नवंबर 2021 में राणा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के जज हड़ताल पर चले गए। उनके अनुसार राणा केवल विशिष्ट पीठों को मामले आवंटित कर रहे थे। वह महत्वपूर्ण राजनीतिक मामलों को छोड़ रहे थे। इससे राणा ने मुकदमों के आवंटन की व्यवस्था बदल दी। उन्होंने यादृच्छिक रूप से मामलों को आवंटित करने के लिए लॉटरी प्रणाली लाई। इसके अलावा राणा पर भ्रष्टाचार, अदालत के कुप्रबंधन, सरकार से संबंधित सुनवाई में देरी आदि के आरोप भी लगे थे।

Originally written on February 15, 2022 and last modified on February 15, 2022.

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