नीराज घायवान की फिल्म “होमबाउंड” ऑस्कर 2026 की दौड़ में, भारतीय सिनेमा को मिला अंतरराष्ट्रीय मंच
भारतीय सिनेमा के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है, क्योंकि नीराज घायवान द्वारा निर्देशित फिल्म “होमबाउंड” ने ऑस्कर 2026 की इंटरनेशनल फीचर फिल्म श्रेणी में जगह बना ली है। ईशान खट्टर और विशाल जेठवा अभिनीत यह फिल्म अब अंतिम 15 शॉर्टलिस्टेड फिल्मों में शामिल है, जो 86 देशों से आई प्रविष्टियों में से चुनी गई हैं। यह उपलब्धि भारतीय सिनेमा की अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता और रचनात्मक उत्कृष्टता को रेखांकित करती है।
भारत की ऑस्कर 2026 में प्रगति
“होमबाउंड” को भारत की ओर से ऑस्कर के लिए आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में भेजा गया था। यह फिल्म अकादमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेज (AMPAS) द्वारा आयोजित प्रारंभिक मतदान प्रक्रिया में सफल रही। शॉर्टलिस्ट का चयन अकादमी के उन सदस्यों द्वारा किया गया जिन्होंने विभिन्न वैश्विक फिल्मों की समीक्षा की। इस चयन के साथ, फिल्म अब नामांकन दौर की दौड़ में बनी हुई है — एक ऐसा पड़ाव जो भारतीय सिनेमा को मुख्यधारा वैश्विक सिनेमा में सशक्त स्थान दिलाता है।
कहानी, कलाकार और रचनात्मक दृष्टिकोण
“होमबाउंड” दो बचपन के दोस्तों शोएब और चंदन की कहानी है, जिनका सपना पुलिस बल में शामिल होना है। फिल्म में ईशान खट्टर और विशाल जेठवा ने बेहद संयमित और प्रभावशाली अभिनय किया है, जो मित्रता, कर्तव्य, और सामाजिक-आर्थिक दबावों जैसे विषयों को सहजता से उभारते हैं। साथ ही, जान्हवी कपूर की भूमिका कथा में भावनात्मक गहराई जोड़ती है।
फिल्म की कहानी भारत की समकालीन सामाजिक वास्तविकताओं को उजागर करती है, परंतु इसकी प्रस्तुति इतनी सजीव और मानवीय है कि वह वैश्विक दर्शकों के लिए भी सहज रूप से प्रासंगिक हो जाती है।
फिल्म समारोहों की यात्रा और वैश्विक प्रतिक्रिया
ऑस्कर शॉर्टलिस्टिंग से पहले “होमबाउंड” ने कई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सवों में सफलतापूर्वक भाग लिया। फिल्म का प्रीमियर कान्स 2025 के Un Certain Regard खंड में हुआ, जहां इसे युवा आकांक्षाओं और भावनात्मक गहराई की सूक्ष्म प्रस्तुति के लिए सराहना मिली।
इसके बाद फिल्म ने टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी दस्तक दी, जहां इसे International Audience Choice Award की सेकंड रनर-अप ट्रॉफी मिली, जो फिल्म की सांस्कृतिक सार्वभौमिकता का प्रमाण है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- इंटरनेशनल फीचर फिल्म श्रेणी में प्रत्येक देश से केवल एक फिल्म को प्रवेश की अनुमति होती है।
- ऑस्कर 2026 के लिए 86 देशों की फिल्मों को इस श्रेणी में पात्रता मिली थी।
- केवल 15 फिल्में शॉर्टलिस्ट की जाती हैं, जो अंतिम नामांकन वोटिंग दौर में जाती हैं।
- अंतिम मतदान के लिए सभी इच्छुक अकादमी सदस्य को सभी शॉर्टलिस्टेड फिल्में देखना अनिवार्य होता है।
“होमबाउंड” की यह उपलब्धि यह दर्शाती है कि भारतीय सिनेमा अब केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं है, बल्कि वह सामाजिक संवेदनशीलता, भावनात्मक गहराई, और वैश्विक विषयों को प्रभावी रूप से चित्रित कर रहा है। यह फिल्म न केवल नीराज घायवान की प्रतिभा का प्रमाण है, बल्कि भारतीय सिनेमा की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभरती पहचान की भी पुष्टि करती है।