नीति आयोग: भारत के युवाओं को सशक्त बनाने वाली परिवर्तनकारी संस्था

भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में प्रगति का असली मूल्यांकन केवल जीडीपी आंकड़ों या आधारभूत संरचना की उपलब्धियों से नहीं किया जा सकता। सच्ची प्रगति इस बात से तय होती है कि देश अपने नागरिकों, विशेषकर युवाओं, को किस प्रकार सशक्त बना रहा है। मानव पूंजी — शिक्षा, कौशल, स्वास्थ्य और उत्पादकता — न केवल आर्थिक संसाधन है, बल्कि यह सामाजिक न्याय और नैतिक जिम्मेदारी का प्रतीक भी है। पिछले दस वर्षों में नीति आयोग के नेतृत्व में भारत ने मानव संसाधन विकास की दिशा में मौलिक और दूरदर्शी कदम उठाए हैं।
जनसांख्यिकीय लाभ और उसकी चुनौतियाँ
भारत की 65% से अधिक आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। यह जनसांख्यिकीय लाभांश भारत के लिए एक बार मिलने वाला अवसर है, लेकिन इसके साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है — युवाओं की ऊर्जा को आर्थिक वृद्धि और राष्ट्रीय विकास में परिवर्तित करने की। नीति आयोग ने इस दिशा में एक उत्प्रेरक की भूमिका निभाई है, जिसने न केवल वर्तमान की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए नीतियाँ बनाईं, बल्कि भविष्य को भी दृष्टिगत रखा।
सहनिर्माण की नीति और शिक्षा में सुधार
नीति आयोग ने नीति निर्माण की प्रक्रिया को केंद्रीयीकृत दृष्टिकोण से हटाकर सहनिर्माण की दिशा में रूपांतरित किया, जिसमें राज्यों, निजी क्षेत्रों, वैश्विक संस्थाओं और नागरिक समाज की भागीदारी को प्राथमिकता दी गई। शिक्षा के क्षेत्र में इसका प्रभाव सबसे अधिक देखने को मिला। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, जिसमें आयोग की अहम भूमिका रही, ने शिक्षा को स्मृति आधारित प्रणाली से हटाकर विश्लेषणात्मक सोच, लचीलापन और व्यावसायिक प्रशिक्षण के साथ जोड़ा।
नवाचार और कौशल विकास
अटल इनोवेशन मिशन के तहत स्थापित 10,000+ अटल टिंकरिंग लैब्स आज स्कूलों में नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा दे रही हैं। वहीं, स्किल इंडिया मिशन और आकांक्षी जिलों में व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से 1.5 करोड़ युवाओं को आधुनिक और मांग आधारित प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रयास केवल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उद्योग की आवश्यकताओं के अनुसार कार्यक्रमों की संरचना भी की गई।
श्रमिक हितों और स्वास्थ्य में सुधार
नीति आयोग ने 44 श्रम कानूनों को सरल बनाकर चार श्रम संहिताओं में बदला, जिससे कार्यस्थल पर संतुलन, उत्पादकता और मानवता को बढ़ावा मिला। स्वास्थ्य क्षेत्र में आयोग ने आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं के माध्यम से 50 करोड़ लोगों को बीमा सुरक्षा दी और 1.5 लाख से अधिक स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की स्थापना कर प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ किया। कोविड-19 संकट के दौरान नीति आयोग ने नीतिगत मार्गदर्शन, संसाधन आवंटन और डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से अपनी कुशलता सिद्ध की।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- नीति आयोग की स्थापना 1 जनवरी 2015 को योजना आयोग के स्थान पर की गई।
- नीति आयोग राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रारूप और कार्यान्वयन में प्रमुख भूमिका में था।
- अटल इनोवेशन मिशन के तहत 10,000 से अधिक टिंकरिंग लैब्स स्कूलों में कार्यरत हैं।
- आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत अब तक 50 करोड़ से अधिक लाभार्थी शामिल हो चुके हैं।