नीति आयोग ने ‘नॉट-फॉर-प्रॉफिट’ अस्पताल मॉडल पर अध्ययन किया

नीति आयोग ने ‘नॉट-फॉर-प्रॉफिट’ अस्पताल मॉडल पर अध्ययन किया

नीति आयोग ने 29 जून, 2020 को भारत में गैर-लाभकारी अस्पताल मॉडल पर एक व्यापक अध्ययन जारी किया है।

मुख्य बिंदु

  • नीति आयोग के अनुसार, यह ऐसे संस्थानों पर सूचना के अंतर को बंद करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
  • यह अध्ययन निजी क्षेत्र में स्वास्थ्य क्षेत्र के विस्तार में कम निवेश की पृष्ठभूमि में आयोजित किया गया था।
  • यह रिपोर्ट गैर-लाभकारी अस्पतालों के संचालन मॉडल में अंतर्दृष्टि (insight ) प्रदान करती है।

रिपोर्ट के निष्कर्ष

  • नीति आयोग लाभकारी और गैर-लाभकारी अस्पतालों में अस्पताल में भर्ती होने के मामलों के बीच बढ़ती असमानता पर प्रकाश डालता है।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार, जून 2018 तक, गैर-लाभकारी अस्पतालों (not-for-profit hospitals) में इलाज की गई बीमारियों का 1% हिस्सा है।
  • लाभ के लिए अस्पतालों (for-profit hospitals) में रोगियों का 3% हिस्सा है।दूसरी ओर, गैर-लाभकारी अस्पतालों में रोगियों का 2.7% हिस्सा है।
  • डॉक्टर या सर्जन का शुल्क 36% कम है जबकि बिस्तर शुल्क, जो लाभकारी अस्पतालों की तुलना में लगभग 44% कम है।
  • गैर-लाभकारी अस्पतालों में ओपीडी देखभाल की संचयी लागत निजी लाभकारी अस्पतालों की तुलना में लगभग एक तिहाई कम है।

NSS 75वें दौर का डेटा

इस डेटा के अनुसार, गैर-लाभकारी अस्पताल रोगियों को लाभकारी अस्पतालों की तुलना में 26% कम पर दवाएं उपलब्ध कराते हैं। यह इस बात पर भी प्रकाश डालता है कि गैर-लाभकारी अस्पतालों में डॉक्टर की फीस लगभग 18% कम है।

आगे का रास्ता

नीति आयोग ने दान के लिए 100% आयकर छूट, सरकारी योजनाओं और अनुदानों से बकाया राशि को तेजी से जारी करके गैर-लाभकारी अस्पतालों को मजबूत करने का आह्वान किया। गैर-लाभकारी अस्पतालों को ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य देखभाल के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल (PHC) के बुनियादी ढांचे का उपयोग करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

Originally written on June 30, 2021 and last modified on June 30, 2021.

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