निर्यात शक्ति की ओर भारत: लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक 2.0 का शुभारंभ

“मेक इन इंडिया” की दसवीं वर्षगांठ के अवसर पर नई दिल्ली में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने “लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक (LDB) 2.0” का शुभारंभ किया। यह पहल भारत को एक डिजिटल रूप से सशक्त, निवेश के अनुकूल और निर्यात प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह उन्नत प्लेटफ़ॉर्म न केवल लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में पारदर्शिता और कुशलता लाएगा, बल्कि “विकसित भारत @2047” के दृष्टिकोण को भी साकार करेगा।
LDB 2.0 का विकास NICDC लॉजिस्टिक्स डेटा सर्विसेज (NLDSL) द्वारा किया गया है, और यह भारत की लॉजिस्टिक्स अवसंरचना में तकनीकी और कार्यात्मक नवाचारों का परिचायक है।

LDB 2.0 की प्रमुख विशेषताएं

LDB 2.0 प्लेटफ़ॉर्म लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन की रीयल-टाइम ट्रैकिंग और मूल्यांकन को संभव बनाता है, जिससे योजना निर्माण, कार्यक्षमता और लागत में सुधार होता है। इस प्रणाली की खासियतें निम्नलिखित हैं:

  • हाई-सीज कंटेनर ट्रैकिंग: अब निर्यातक समुद्री मार्ग से रवाना हुए कंटेनरों को अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में भी ट्रैक कर सकते हैं।
  • मल्टी-मोडल शिपमेंट दृश्यता: कंटेनर, ट्रक, ट्रेलर नंबर या रेलवे एफएनआर के माध्यम से सड़क, रेल और समुद्र के माध्यम से हो रहे परिवहन की एकीकृत जानकारी।
  • लाइव कंटेनर हीटमैप: पूरे देश में कंटेनरों के वितरण की स्थिति को स्थान-आधारित रूप में दर्शाने वाला रीयल-टाइम मानचित्र, जो नीति निर्माताओं को संभावित रुकावटों की पहचान में मदद करता है।

निर्यातकों और MSMEs के लिए लाभ

LDB 2.0 से निर्यातकों और छोटे एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) को सशक्त किया जाएगा, जिससे उन्हें लॉजिस्टिक्स और आपूर्ति शृंखला पर सटीक नियंत्रण और बेहतर योजना निर्माण की सुविधा मिलेगी। यह डिजिटल प्रणाली वैश्विक बाजार में भारतीय निर्यात की विश्वसनीयता और प्रतिस्पर्धा को मजबूत करेगी।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • LDB की शुरुआत वर्ष 2016 में कंटेनर ट्रैकिंग के उद्देश्य से हुई थी।
  • NICDC (National Industrial Corridor Development Corporation) भारत सरकार की औद्योगिक गलियारों के विकास के लिए एक प्रमुख इकाई है।
  • ULIP (Unified Logistics Interface Platform) विभिन्न लॉजिस्टिक्स सेवाओं के डेटा को जोड़ने वाला एक API-आधारित प्लेटफ़ॉर्म है।
  • भारत विश्व में लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन इंडेक्स (LPI) 2023 में 38वें स्थान पर रहा, जिसमें सुधार के लिए डिजिटल पहल महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

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