निर्मला सीतारमण ने धारवाड़ IIT में बायोनेस्ट इनक्यूबेशन सेंटर का उद्घाटन किया

निर्मला सीतारमण ने धारवाड़ IIT में बायोनेस्ट इनक्यूबेशन सेंटर का उद्घाटन किया

भारतीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने धारवाड़ स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में बायोनेस्ट इनक्यूबेशन सेंटर (BIC) का उद्घाटन किया। यह केंद्र ‘धारती’ (dhaRti – Research and Technology Incubator) के सहयोग से स्थापित किया गया है। इस अवसर पर मंत्री ने छात्रों से बातचीत के दौरान सरकार की हरित और सतत विकास की प्रतिबद्धताओं पर जोर दिया।

सतत हरित विकास की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता

सीतारमण ने कहा कि सरकार का प्राथमिक फोकस स्थायी और हरित विकास मॉडल पर है। जहां एक ओर कई देश प्राकृतिक गैसों की ऊंची कीमतों के कारण कोयले की ओर लौट रहे हैं, वहीं भारत सरकार ने 2047 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह लक्ष्य सिर्फ बजटीय आवंटन से नहीं बल्कि नवाचार, तकनीक और औद्योगिक सहयोग से ही संभव हो सकेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार सब्सिडी प्रदान कर रही है। हालांकि, इस दिशा में कुछ प्रमुख उद्योग, जैसे इस्पात और सीमेंट, को प्रदूषण में कमी लाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक की आवश्यकता है जो काफी महंगी है।

तकनीक, फिनटेक और शिक्षा में सुधार की आवश्यकता

वित्त मंत्री ने फिनटेक (वित्तीय तकनीक) क्षेत्र में भारत की प्रगति की सराहना की और प्रौद्योगिकी संस्थानों को उद्योगों के साथ अधिक सहयोग करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि छात्रों को सिर्फ सैद्धांतिक ज्ञान नहीं, बल्कि व्यावहारिक अनुभव भी मिलना चाहिए ताकि वे प्रतिस्पर्धी और सक्षम बन सकें।
उन्होंने पाठ्यक्रम में सुधार की आवश्यकता पर भी बात की। उनके अनुसार, संस्थानों को विद्यार्थियों की आवश्यकताओं को समझते हुए कौशल-आधारित शिक्षा प्रदान करनी चाहिए। आज के बदलते समय में केवल डिग्री पर्याप्त नहीं है, बल्कि व्यावसायिक और तकनीकी कौशल भी अत्यंत आवश्यक हैं।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • बायोनेस्ट इनक्यूबेशन सेंटर (BIC) जैव-प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्टअप्स को सहयोग देने के लिए बनाए जाते हैं।
  • भारत ने 2047 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन (Net Zero Emission) का लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • ‘धारती’ (dhaRti) एक अनुसंधान और तकनीक केंद्र है जो IIT धारवाड़ के साथ मिलकर नवाचार को बढ़ावा देता है।
  • ग्रीन बॉन्ड्स ऐसे वित्तीय साधन हैं जो पर्यावरणीय परियोजनाओं के लिए निधि जुटाने में मदद करते हैं।
Originally written on October 16, 2025 and last modified on October 16, 2025.

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