नासा का ‘परसेवेरांस’ रोवर मंगल ग्रह पर उतरा

नासा का विज्ञान रोवर ‘परसेवेरांस’ 18 फरवरी, 2021 को मंगल ग्रह पर उतरा। यह रोवर सबसे उन्नत एस्ट्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला है। यह सबसे पहले ग्रह पर प्राचीन माइक्रोबियल जीवन के निशान खोजेगा।

मुख्य बिंदु

  • इस रोवर अंतरिक्ष में लगभग सात महीने तक यात्रा की।
  • इसने मंगल के वातावरण में प्रवेश करने से पहले 293 मिलियन मील या 472 मिलियन किमी की दूरी तय की।
  • इसने 12,000 मील प्रति घंटे या 19,000 किमी प्रति घंटे की गति से मंगल ग्रह में प्रवेश किया।
  • यह परियोजना $2.7 बिलियन की है।

मार्स 2020 मिशन

यह नासा के मार्स एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम द्वारा निर्मित मार्स रोवर है। इसमें ‘परसेवेरांस’ रोवर और एक ‘इन्जेयूटी’ हेलीकाप्टर ड्रोन शामिल हैं।  मिशन को 30 जुलाई, 2020 को पृथ्वी से एटलस वी 541 लॉन्च व्हीकल पर लॉन्च किया गया था। इस मिशन की घोषणा नासा ने दिसंबर 2012 में सैन फ्रांसिस्को में अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन की बैठक के दौरान की थी।

परसेवेरांस रोवर (Perseverance Rover)

रोवर ग्रह पर खगोलीय-जैविक वातावरण से जुड़ी खोज करेगा। यह मंगल की सतह की भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं और इतिहास पर भी फोकस करेगा। इस रोवर का डिज़ाइन क्यूरियोसिटी रोवर से प्रभावित है। इसमें 19 कैमरे और दो माइक्रोफोन शामिल हैं। इस प्रकार, यह मंगल ग्रह के पर्यावरण के ऑडियो को भी रिकॉर्ड करेगा।

Originally written on February 20, 2021 and last modified on February 20, 2021.

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