नारायण सिद्धेश्वरम मंदिर, कुंभकोणम, तमिलनाडु

नारायण सिद्धेश्वरम मंदिर, कुंभकोणम, तमिलनाडु

कावेरी नदी के दक्षिण में स्थित तेवरा स्थलम की श्रृंखला में नारायण सिद्धेश्वरम मंदिर 65 वां है।

मंदिर: यह मंदिर एक ऊँचाई पर बना एक मदाक्कोविल है। सिद्धों द्वारा इसकी पूजा की गई थी, इसलिए इसका नाम सिद्धेश्वरम पड़ा। यहाँ का विनायक आंडा पिल्लेयार के नाम से जाना जाता है। मंदिर के उत्तर में ब्रह्मा थेरथम टैंक है। शिव को वेदलिंगम कहा जाता है। सूर्य की किरणें कुंभ और सिंह राशियों के तीन दिनों के लिए गर्भगृह को रोशन करती हैं। किंवदंती है कि शिव की पूजा कुबेर, देवताओं और गंधर्वों, सूर्य, नारा-नारायण और ब्रह्मा और वेदों द्वारा की गई थी।

इसके दो स्तुत्य हैं और एक एकड़ क्षेत्र में बसता है। इसमें पांच स्तरीय राजगोपुरम है। यहाँ दो सिद्धान्त हैं, सुल्ता थेर्थम और भ्रामा थेर्थम। उत्तम चोल (10 वीं शताब्दी) के दौरान इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया था। नटराज की कांस्य प्रतिमा सेम्बियन महादेवी के काल की है। उत्तमा चोल, राजा राजा I और अन्य चोलों के काल के शिलालेख यहां देखे गए हैं।

त्यौहार: वार्षिक ब्रह्मोत्सवम पंकुनि के महीने में मनाया जाता है। यहाँ मनाए जाने वाले अन्य त्यौहार हैं- अरुद्र दरिसनम, कार्तिकई दीपम, नवरात्रि, स्कंद षष्ठी और विनायक चतुर्थी।

Originally written on April 16, 2019 and last modified on April 16, 2019.

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