नाटो का परमाणु अभ्यास ‘Steadfast Noon’: सुरक्षा और रणनीतिक संतुलन का संकेत

पश्चिमी सैन्य गठबंधन नाटो अगले सप्ताह से ‘Steadfast Noon’ नामक वार्षिक परमाणु प्रतिरोध अभ्यास आयोजित करने जा रहा है, जिसकी मेज़बानी इस बार नीदरलैंड कर रहा है। इस रणनीतिक अभ्यास में 14 देशों के कुल 71 विमान भाग लेंगे। नाटो महासचिव मार्क रूटे ने इसे संभावित विरोधियों के लिए स्पष्ट संदेश बताया कि संगठन अपने सभी सदस्य देशों की रक्षा के लिए सक्षम और प्रतिबद्ध है।
अभ्यास का उद्देश्य और रणनीति
‘Steadfast Noon’ कोई वास्तविक परमाणु हथियारों से संबंधित अभ्यास नहीं है, बल्कि इसमें उन परिदृश्यों का अनुकरण किया जाता है जहां परमाणु हथियारों का उपयोग संभव हो सकता है। यह अभ्यास हर वर्ष आयोजित किया जाता है ताकि नाटो की परमाणु प्रतिरोध क्षमताएं प्रासंगिक, सुरक्षित और प्रभावशाली बनी रहें। इस बार का मुख्य अभ्यास केंद्र वोल्केल एयरबेस (नीदरलैंड) होगा, जबकि बेल्जियम का क्लेने ब्रोगेल, ब्रिटेन का लेकनहीथ और डेनमार्क का स्क्रिडस्ट्रप एयरबेस भी इसमें भाग लेंगे।
नाटो अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि यह अभ्यास किसी विशिष्ट देश के खिलाफ लक्षित नहीं है और इसे किसी भी मौजूदा अंतरराष्ट्रीय घटना से जोड़ा नहीं जाना चाहिए। इसका उद्देश्य केवल गठबंधन की सामूहिक सुरक्षा और तैयारियों को मजबूत करना है।
रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि
2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर किए गए आक्रमण के बाद से परमाणु संघर्ष की संभावनाएं कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उभरीं। रूसी अधिकारियों द्वारा परमाणु चेतावनियों ने नाटो को कई बार सख्त प्रतिक्रिया देने पर विवश किया, हालांकि हाल के हफ्तों में इन तनावों में कुछ हद तक नरमी आई है। सितंबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने न्यू स्टार्ट संधि के अंतर्गत तैनात रणनीतिक परमाणु हथियारों की सीमा को एक वर्ष तक बनाए रखने की पेशकश की थी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- Steadfast Noon नाटो का वार्षिक परमाणु अभ्यास है, जो हर वर्ष किसी अलग सदस्य देश में आयोजित होता है।
- नाटो के पास अपने स्वयं के परमाणु हथियार नहीं हैं, लेकिन अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस इसके परमाणु सशस्त्र सदस्य हैं।
- न्यू स्टार्ट संधि अमेरिका और रूस के बीच एकमात्र शेष रणनीतिक परमाणु हथियार नियंत्रण समझौता है, जो फरवरी 2026 में समाप्त हो जाएगा।
- नाटो की स्थापना 1949 में हुई थी, और आज इसमें 30 से अधिक सदस्य देश शामिल हैं।