नागालैंड पुलिस भर्ती में टिकिर जनजाति की भागीदारी की माँग

नागालैंड के नोकलाक जिले में निवास करने वाले टिकिर जनजाति के उम्मीदवारों को राज्य पुलिस कांस्टेबल भर्ती में सम्मिलित करने की माँग को लेकर टिकिर ट्राइबल काउंसिल (TTC) ने पुलिस महानिदेशक को एक ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन में TTC ने न केवल उम्मीदवारों की सहभागिता की माँग की, बल्कि शमाटोर में एक साझा भर्ती केंद्र की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा है, ताकि नोकलाक, शमाटोर और किफाइरे जिलों के टिकिर उम्मीदवारों को समान अवसर मिल सके।
भर्ती से बाहर किए जाने पर चिंता
TTC ने अपने पत्र में चिंता व्यक्त की कि हालिया पुलिस भर्ती अधिसूचना में नोकलाक जिले के टिकिर जनजाति के उम्मीदवारों को शामिल नहीं किया गया, जिससे समुदाय के कई योग्य उम्मीदवारों को नुकसान हुआ है। परिषद ने आग्रह किया कि भविष्य में इस तरह के भेदभाव से बचने के लिए नोकलाक जिले के तहत आने वाले विशिष्ट टिकिर गांवों—थोनोकन्यु टाउन, थोनोकन्यु गांव, त्सुखेनकियु गांव और थोंगसोन्यु गांव—को भर्ती अधिसूचनाओं में स्पष्ट रूप से शामिल किया जाए।
शमाटोर में साझा केंद्र की माँग
TTC ने शमाटोर में एक सामान्य भर्ती केंद्र की स्थापना की माँग की है, जिससे नोकलाक, शमाटोर और किफाइरे जिलों के टिकिर उम्मीदवारों को भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने में सहूलियत हो। परिषद के अनुसार, 13 पदों के लिए निर्धारित टिकिर कोटा में पारदर्शिता और समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए यह कदम आवश्यक है।
जनसंख्या के आधार पर कोटा वितरण का प्रस्ताव
परिषद ने यह भी प्रस्ताव दिया कि भविष्य की भर्तियों में टिकिर समुदाय की जनसंख्या के अनुपात के अनुसार जिलावार पद आवंटन का निर्धारण TTC को करने की अनुमति दी जाए। इससे कोटा वितरण में न्याय और यथार्थ सुनिश्चित होगा।
दस्तावेज़ों में नाम असंगति पर स्पष्टीकरण
TTC ने यह भी उल्लेख किया कि टिकिर समुदाय के कुछ उम्मीदवारों के दस्तावेजों में आज भी “यिमकिउंग” जनजाति का नाम दर्ज हो सकता है, क्योंकि टिकिर जनजाति को हाल ही में औपचारिक मान्यता प्राप्त हुई है। इस स्थिति में TTC द्वारा जारी “नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट” (NOC) को वैध माना जाना चाहिए।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- टिकिर जनजाति को नागालैंड सरकार ने हाल ही में एक स्वतंत्र जनजाति के रूप में मान्यता दी है।
- नोकलाक, शमाटोर और किफाइरे जिले नागालैंड के पूर्वी हिस्से में स्थित हैं, जहाँ टिकिर समुदाय की बड़ी आबादी है।
- नागालैंड पुलिस में अनुसूचित जनजातियों के लिए विशेष कोटा निर्धारित किया जाता है।
- TTC का सुझाव राज्य में अल्पसंख्यक जनजातियों को समान अवसर दिलाने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।