नागालैंड का विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र बनने की ओर कदम: ‘दज़ूकू घाटी’ का नामांकन

नगालैंड सरकार ने ‘दज़ूकू घाटी’ को वैश्विक मानकों वाले 50 पर्यटक स्थलों के विकास की राष्ट्रीय पहल के अंतर्गत राज्य की आधिकारिक नामांकित स्थल के रूप में प्रस्तावित किया है। यह प्रस्ताव नगालैंड के पर्यटन एवं उच्च शिक्षा मंत्री तेमजेन इम्ना अलॉंग द्वारा उदयपुर में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय पर्यटन मंत्री सम्मेलन के दौरान प्रस्तुत किया गया।
दज़ूकू घाटी को इको-पर्यटन केंद्र बनाने की योजना
नगालैंड सरकार का यह प्रस्ताव दज़ूकू घाटी को एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का इको-पर्यटन स्थल बनाने की महत्वाकांक्षी योजना को दर्शाता है। लगभग 250 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना में एक इको-फ्रेंडली लग्जरी होटल का निर्माण, पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विकास और घाटी की प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा शामिल है।
मंत्री तेमजेन इम्ना अलॉंग ने सम्मेलन में दज़ूकू घाटी की पारिस्थितिकीय और सांस्कृतिक महत्ता पर प्रकाश डालते हुए इसे “एक सुंदर रचना” की संज्ञा दी। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि घाटी का संरक्षण और सतत विकास पर्यावरणीय पर्यटन के लिए एक आदर्श उदाहरण बन सकता है।
राष्ट्रीय पर्यटन पहल की भूमिका
इस पहल का नेतृत्व भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य देश के 50 प्रमुख पर्यटन स्थलों को वैश्विक मानकों के अनुरूप विकसित करना है। यह एक प्रतिस्पर्धात्मक चुनौती आधारित कार्यक्रम है, जिसमें विभिन्न राज्य अपने-अपने चयनित स्थलों के विकास की योजनाएं प्रस्तुत करते हैं।
दज़ूकू घाटी का चयन इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि यह न केवल नगालैंड का पर्यावरणीय रत्न है, बल्कि इसकी भौगोलिक स्थिति और जैव विविधता इसे अंतरराष्ट्रीय इको-पर्यटकों के लिए आकर्षक बनाती है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- दज़ूकू घाटी नगालैंड और मणिपुर की सीमा पर स्थित है और अपने दुर्लभ फूलों और हरियाली के लिए प्रसिद्ध है।
- यह घाटी ‘Dzükou Lily’ नामक एक अद्वितीय फूल के लिए जानी जाती है, जो केवल इसी क्षेत्र में पाया जाता है।
- घाटी समुद्र तल से लगभग 2,438 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, और गर्मियों में ट्रेकिंग का प्रमुख केंद्र बन जाती है।
- ‘दज़ूकू’ नाम अंगामी नागा भाषा से आया है, जिसका अर्थ होता है – ‘कोल्ड वॉटर’ (ठंडा पानी), जो वहां की पहाड़ी झरनों को दर्शाता है।