नागपुर विश्वविद्यालय को मिली पहली महिला कुलपति, इतिहास में दर्ज हुआ नया अध्याय

नागपुर विश्वविद्यालय को मिली पहली महिला कुलपति, इतिहास में दर्ज हुआ नया अध्याय

नागपुर विश्वविद्यालय ने अपनी स्थापना के 102 वर्ष बाद एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए डॉ. मनाली मकरंद क्षीरसागर को पहली महिला कुलपति नियुक्त किया है। यह निर्णय संस्थान के लिए न केवल एक नेतृत्व परिवर्तन है, बल्कि उच्च शिक्षा में समावेश और सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण प्रतीकात्मक कदम भी है।

ऐतिहासिक नेतृत्व की नई शुरुआत

महाराष्ट्र के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति आचार्य देवव्रत ने डॉ. क्षीरसागर की नियुक्ति की घोषणा की। 54 वर्ष की आयु में वे नागपुर विश्वविद्यालय का नेतृत्व संभालने वाली पहली महिला बनी हैं। वे इसी विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा भी हैं और अपने पांच वर्षीय कार्यकाल के साथ बुधवार से पदभार संभालेंगी। यह नियुक्ति विश्वविद्यालय प्रशासन में एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है।

शैक्षणिक प्रोफ़ाइल और पेशेवर उपलब्धियाँ

डॉ. मनाली क्षीरसागर के पास कंप्यूटर साइंस में पीएचडी और वित्त एवं विपणन में एमबीए की उपाधि है। वे वर्तमान में नागपुर स्थित यशवंतराव चव्हाण इंजीनियरिंग कॉलेज में निदेशक (तकनीकी) और सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं। उनका तकनीकी अनुभव, प्रबंधन कौशल और शोध अभिविन्यास विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, नवाचार और प्रशासनिक दक्षता को मजबूत करने में सहायक माना जा रहा है।

नियुक्ति का प्रतीकात्मक और रणनीतिक महत्व

यह नियुक्ति विश्वविद्यालय में लैंगिक समावेशन और आधुनिक शैक्षणिक प्रशासन की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है। यह बदलाव विश्वविद्यालय के डिजिटल ढांचे को मजबूत करने, पारदर्शी शासन व्यवस्था लागू करने और अकादमिक सुधारों को गति देने के उद्देश्य से किया गया है। शिक्षाविदों का मानना है कि यह निर्णय लंबे समय से प्रतीक्षित सुधारों की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • नागपुर विश्वविद्यालय की स्थापना 1923 में हुई थी और यह 102 वर्ष पुराना संस्थान है।
  • डॉ. मनाली मकरंद क्षीरसागर इसकी पहली महिला कुलपति बनी हैं।
  • उनका कार्यकाल 5 वर्ष का होगा और नियुक्ति महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा की गई है।
  • उन्होंने कंप्यूटर साइंस में पीएचडी तथा वित्त और विपणन में एमबीए किया है।

नई नेतृत्व दिशा और भविष्य की संभावनाएँ

डॉ. क्षीरसागर की नियुक्ति से नागपुर विश्वविद्यालय में शिक्षा गुणवत्ता सुधार, प्रशासनिक दक्षता और छात्र-केंद्रित पहलों को बल मिलने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि उनके नेतृत्व में उद्योग-शिक्षा साझेदारी, अनुसंधान उन्नयन और नवाचार-आधारित शिक्षा मॉडल को प्राथमिकता दी जाएगी। यह नियुक्ति न केवल नागपुर विश्वविद्यालय बल्कि पूरे महाराष्ट्र के उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए प्रेरणादायक बदलाव का प्रतीक बन सकती है।

Originally written on December 2, 2025 and last modified on December 2, 2025.

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