नागपुर का सतनवरी गांव बनेगा देश का पहला ‘स्मार्ट इंटेलिजेंट विलेज’

नागपुर का सतनवरी गांव बनेगा देश का पहला ‘स्मार्ट इंटेलिजेंट विलेज’

महाराष्ट्र के नागपुर जिले का छोटा सा गांव सतनवरी, जिसकी आबादी मात्र 1,800 है, देश के पहले ‘स्मार्ट इंटेलिजेंट विलेज’ के रूप में विकसित होने की ओर है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा स्वीकृत इस राज्य-प्रायोजित पायलट प्रोजेक्ट का उद्देश्य ग्रामीण जीवन में अत्याधुनिक तकनीकों का समावेश करना है — जिसमें ड्रोन-सहायता प्राप्त खेती, स्मार्ट सिंचाई, मोबाइल बैंकिंग, डिजिटल स्कूल और उन्नत निगरानी प्रणाली शामिल हैं।

परियोजना की मुख्य विशेषताएं

इस परियोजना की रूपरेखा वॉइस ऑफ इंडियन कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी एंटरप्राइजेज (VOICE) और देश की तकनीकी संस्थाओं के सहयोग से तैयार की गई है। सतनवरी को चुने जाने के पीछे इसकी छोटी जनसंख्या, मजबूत कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे के उन्नयन की तत्परता प्रमुख कारण रहे।परियोजना में शामिल सुविधाएं —

  • कृषि में तकनीक: मिट्टी की जांच के लिए आईटी टूल, रियल-टाइम फसल डैशबोर्ड, मौसम और बाजार की भविष्यवाणी, ड्रोन द्वारा फसल की निगरानी।
  • शिक्षा में बदलाव: एआई-सक्षम डिजिटल किताबें, रिमोट लर्निंग, स्मार्ट आंगनवाड़ी मॉड्यूल।
  • स्वास्थ्य सेवाएं: ई-हेल्थ कार्ड, मोबाइल क्लिनिक, टेलीमेडिसिन के जरिए विशेषज्ञों से परामर्श।
  • डिजिटल शासन: ग्राम पंचायत में वाई-फाई, रियल-टाइम डेटा डैशबोर्ड, ऑनलाइन सेवाएं।

प्रगति और सामुदायिक भागीदारी

पिछले एक महीने में स्थानीय प्रशासन ने आवश्यक सुविधाओं के विकास में तेजी लाई है। परियोजना की प्रगति की नियमित समीक्षा उच्च स्तरीय अधिकारियों द्वारा की जा रही है। 8 अगस्त को परियोजना का ऑन-साइट रिव्यू किया जाएगा।अधिकारियों का मानना है कि यह मॉडल देशभर में ग्रामीण विकास के लिए एक दोहराए जाने योग्य खाका बन सकता है, जिसमें कृषि, शिक्षा, शासन और वित्तीय सेवाओं का एकीकृत ढांचा शामिल है।

‘मेक इन इंडिया’ और निजी क्षेत्र की भागीदारी

यह पहल ‘मेक इन इंडिया’ सहयोग का हिस्सा है, जिसमें 15 निजी कंपनियां अलग-अलग मॉड्यूल लागू कर रही हैं। गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया है, जिससे मिट्टी सेंसर, सिंचाई ट्रैकिंग, झील के पानी की गुणवत्ता जांच और अन्य तकनीकी सेवाएं संभव हो सकें।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ‘स्मार्ट विलेज’ अवधारणा का लक्ष्य डिजिटल तकनीक के माध्यम से ग्रामीण जीवन स्तर में सुधार करना है।
  • ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराने का प्रमुख साधन है।
  • टेलीमेडिसिन ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी को दूर करने का प्रभावी तरीका बनता जा रहा है।
  • भारत में 65% से अधिक जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है, जिससे ऐसे मॉडल का राष्ट्रीय महत्व बढ़ जाता है।

सतनवरी का यह प्रयोग केवल डिजिटल कनेक्टिविटी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि यह पायलट सफल रहा, तो आने वाले वर्षों में महाराष्ट्र ही नहीं, पूरे देश के सैकड़ों गांवों में यह बदलाव देखने को मिल सकता है।

Originally written on August 11, 2025 and last modified on August 11, 2025.

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