“नव्या” योजना: किशोरियों के लिए कौशल विकास की नई पहल

प्रधानमंत्री के विकसित भारत@2047 दृष्टिकोण और महिला-नेतृत्व वाले विकास के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता के तहत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD) और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) मिलकर “नव्या” (NAVYA) नामक एक संयुक्त पायलट पहल की शुरुआत 24 जून 2025 को उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से करेंगे। यह पहल किशोरियों को व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
नव्या योजना का उद्देश्य और स्वरूप
“नव्या” (NAVYA – Nurturing Aspirations through Vocational Training for Young Adolescent Girls) का लक्ष्य 16–18 वर्ष की उन किशोरियों को कौशल प्रदान करना है, जिन्होंने कम से कम कक्षा 10 तक की शिक्षा प्राप्त की है। इस योजना की विशेष बात यह है कि यह पारंपरिक भूमिकाओं से हटकर, किशोरियों को गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने पर केंद्रित है — जिससे उनके करियर विकल्पों का विस्तार हो सके।
यह योजना देश के 19 राज्यों के 27 जिलों में लागू की जाएगी, जिनमें आकांक्षी जिले और उत्तर-पूर्वी राज्यों के जिले शामिल हैं। यह सरकार के समावेशी और लक्षित दृष्टिकोण को दर्शाता है, जो विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों और कमजोर वर्गों तक पहुँचने पर केंद्रित है।
योजना की प्रमुख विशेषताएँ
- यह पायलट पहल प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) और अन्य प्रमुख कौशल विकास योजनाओं के सहयोग से संचालित होगी।
- लॉन्च कार्यक्रम में किशोरी प्रशिक्षणार्थियों के साथ संवाद, प्रमाणपत्र वितरण और दोनों मंत्रालयों के बीच समन्वय को संस्थागत रूप देने की प्रक्रिया शामिल होगी।
- इस कार्यक्रम के तहत PM Vishwakarma योजना के लाभ भी प्रतिभागियों को दिए जाएंगे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- “नव्या” योजना का उद्देश्य किशोरियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण देना है, विशेष रूप से गैर-पारंपरिक क्षेत्रों में।
- यह योजना आकांक्षी जिलों और उत्तर-पूर्वी राज्यों के 27 जिलों में पायलट आधार पर शुरू की जा रही है।
- यह योजना PMKVY और PM Vishwakarma जैसी प्रमुख योजनाओं से जुड़ी हुई है।
- कार्यक्रम का शुभारंभ सोनभद्र, उत्तर प्रदेश से होगा, जो खनिज और जनजातीय आबादी के लिए प्रसिद्ध है।
“नव्या” योजना केवल एक प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक व्यापक सामाजिक निवेश है, जो किशोरियों को सशक्त बनाकर देश की विकास यात्रा में सक्रिय भागीदार बनाने की दिशा में अग्रसर है। यह पहल इस विश्वास को मजबूत करती है कि जब एक किशोरी सशक्त होती है, तो वह न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे समाज के लिए परिवर्तन का स्रोत बनती है।