नजफगढ़ झील में रस्टिक बंटिंग की दुर्लभ उपस्थिति

नजफगढ़ झील में रस्टिक बंटिंग की दुर्लभ उपस्थिति

नजफगढ़ झील में रस्टिक बंटिंग का दिखना राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में पक्षीनिरीक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। भारत में बेहद कम दर्ज होने वाली इस प्रजाति को स्थानीय पक्षीप्रेमियों ने एक नियमित सुबह की सर्वेक्षण यात्रा के दौरान देखा और प्रमाणित किया। यह उपस्थिति न केवल दिल्ली एनसीआर के पक्षी-विविधता मानचित्र पर एक नई जानकारी जोड़ती है, बल्कि बदलते मौसम और प्रवासन पैटर्न पर भी संकेत देती है।

नजफगढ़ झील में पहली पुष्टि

स्थानीय गाइड राम कुमार रावत ने सबसे पहले इस अपरिचित पक्षी को जुलीफ्लोरा की झाड़ी पर बैठे हुए देखा। तस्वीरें लेने के बाद उन्होंने इसे अन्य पक्षीपरख विशेषज्ञों को दिखाया, जो वापस स्थल पर पहुंचे और मिलकर इसकी पहचान की पुष्टि की। लगभग आधे घंटे तक किए गए अवलोकन में यह स्पष्ट हो गया कि यह पक्षी रस्टिक बंटिंग है, जो इस क्षेत्र में पहले कभी दर्ज नहीं हुआ था।

रस्टिक बंटिंग का वितरण और प्रवासन

रस्टिक बंटिंग सामान्यतः उत्तरी पैलिआर्कटिक के नम शंकुधारी वनों में प्रजनन करता है। सर्दियों में यह पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी एशिया की ओर चला जाता है। भारत में इसकी उपस्थिति अत्यंत दुर्लभ है और पूर्व के रिकॉर्ड मुख्यतः हिमालय, लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर क्षेत्र से मिलते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष के असामान्य ठंडे मौसम ने इसके प्रवासन मार्ग को प्रभावित किया हो सकता है।

प्रवासन पैटर्न में बदलाव के विशेषज्ञ विश्लेषण

बर्ड काउंट इंडिया के विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार की अधिक ठंड ने प्रजाति को अपनी सामान्य सर्दियों की सीमा से बाहर धकेल दिया होगा। इसी प्रकार की अनियमित sightings हाल ही में जिम कॉर्बेट में हॉफिन्च और दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में अन्य प्रजातियों के रूप में भी दर्ज की गई हैं। पर्यवेक्षकों का कहना है कि दिल्ली एनसीआर के 100 वर्ग किलोमीटर के दायरे में इस दुर्लभ पक्षी की उपस्थिति अत्यंत असामान्य है और यह बड़े जलवायु परिवर्तन की ओर संकेत कर सकती है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • रस्टिक बंटिंग को IUCN की 2025 अपडेट में ‘संकटग्रस्त’ से ‘निकट संकटग्रस्त’ श्रेणी में रखा गया है।
  • यह प्रजाति ऊँचाई आधारित (altitudinal) प्रवासन भी करती है।
  • भारत में इसके पूर्व रिकॉर्ड लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर से मिले हैं।
  • नजफगढ़ झील में मिला यह रिकॉर्ड दिल्ली एनसीआर का पहला प्रमाणित अवलोकन है।

शहरी आर्द्रभूमियों का संरक्षण

इस दुर्लभ sighting ने नजफगढ़ झील जैसे शहरी wetlands के संरक्षण की आवश्यकता को और मजबूती दी है। तेजी से शहरीकरण के बीच ये आर्द्रभूमियाँ प्रवासी पक्षियों के लिए महत्वपूर्ण ठहराव स्थल प्रदान करती हैं और जैव-विविधता को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती हैं। विशेषज्ञों का मत है कि यदि ऐसे प्राकृतिक आवास संरक्षित रहते हैं तो भविष्य में और भी महत्वपूर्ण प्रजातियों की उपस्थिति दर्ज हो सकती है।

Originally written on December 1, 2025 and last modified on December 1, 2025.

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