ध्रुव स्पेस का LEAP-1 मिशन: भारतीय स्पेस स्टार्टअप की वैश्विक छलांग

भारतीय अंतरिक्ष तकनीकी क्षेत्र में उभरता नाम, ध्रुव स्पेस, अब अपने पहले वाणिज्यिक उपग्रह मिशन LEAP-1 के साथ वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने जा रहा है। यह मिशन भारत के स्वदेशी तकनीकी सामर्थ्य, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और व्यावसायिक अंतरिक्ष सेवाओं की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।

LEAP-1: तकनीकी प्रदर्शन से वाणिज्यिक मिशन की ओर

LEAP-1 मिशन 2025 की तीसरी तिमाही में स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा। यह ध्रुव स्पेस के लिए प्रौद्योगिकी परीक्षणों से ग्राहक-केन्द्रित उपग्रह सेवाओं की दिशा में पहला ठोस कदम है। इस मिशन में P-30 नामक स्वदेशी उपग्रह प्लेटफॉर्म का उपयोग किया गया है, जिसे जनवरी 2024 में ISRO के PSLV-C58 पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रमाणित किया गया था।

मिशन में दो प्रमुख पेलोड

LEAP-1 मिशन में दो अलग-अलग पेलोड शामिल हैं:

  1. Nexus-01 (Akula Tech):यह एक अत्याधुनिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) मॉड्यूल से सुसज्जित है, जो ऑनबोर्ड डेटा प्रोसेसिंग और AI/ML मॉडल के री-ट्रेनिंग की क्षमता रखता है। इसके माध्यम से रियल-टाइम में डेटा विश्लेषण, अग्नि पहचान, और स्पेक्ट्रल एनालिसिस जैसे कार्य किए जा सकते हैं।
  2. OTR-2 (Esper Satellites):यह पेलोड नवीनतम हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजर से लैस है, जो पृथ्वी की सतह का स्पेक्ट्रली समृद्ध डेटा प्रदान करता है। इसके जरिए कृषि, पर्यावरण निगरानी, आपदा प्रतिक्रिया और खनन जैसे क्षेत्रों में नई संभावनाएं खुलती हैं।

सहयोग, प्रबंधन और वैश्विक दृष्टिकोण

LEAP-1 मिशन भारत, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के त्रिपक्षीय सहयोग का प्रतीक है। मिशन पैच में AI, पृथ्वी अवलोकन और अंतरिक्ष धरोहर के प्रतीक चिन्ह समाहित हैं। ध्रुव स्पेस इस मिशन में अपने Ground Station-as-a-Service (GSaaS) और स्वदेशी Integrated Space Operations & Command Suite (ISOCS) का उपयोग कर रीयल-टाइम डेटा प्रबंधन और मिशन नियंत्रण को सुगम बनाता है।
ध्रुव स्पेस के CEO संजय नेक्कांती के अनुसार, यह मिशन न केवल वाणिज्यिक पेलोड होस्टिंग को बढ़ावा देगा, बल्कि भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच अंतरिक्ष व्यापार संबंधों को भी मजबूती प्रदान करेगा।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • LEAP-1 मिशन में उपयोग किया गया P-30 प्लेटफॉर्म ISRO के PSLV-C58 द्वारा जनवरी 2024 में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।
  • स्पेसएक्स का फाल्कन 9 रॉकेट दुनिया के सबसे विश्वसनीय प्रक्षेपण यान में से एक माना जाता है।
  • हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग तकनीक स्पेक्ट्रल रेंज में विस्तृत जानकारी प्रदान करती है, जिससे पृथ्वी अवलोकन में क्रांति आई है।
  • GSaaS (Ground Station-as-a-Service) मॉडल उपग्रह ऑपरेटरों को रीयल-टाइम कम्युनिकेशन सेवाएं प्रदान करता है।

LEAP-1 मिशन न केवल ध्रुव स्पेस की क्षमताओं का परिचायक है, बल्कि यह भारत के नवाचार आधारित अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था की अंतरराष्ट्रीय पहचान भी है। यह मिशन स्वदेशी तकनीक को वैश्विक साझेदारी से जोड़कर पृथ्वी और उससे आगे की आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

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