धार और बैतूल में देश के पहले PPP मॉडल मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी गई
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे. पी. नड्डा और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को धार और बैतूल जिलों में दो नए मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी। ये संस्थान देश में PPP (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर विकसित होने वाले पहले मेडिकल कॉलेज हैं, जो मेडिकल शिक्षा के विस्तार में एक ऐतिहासिक कदम माने जा रहे हैं।
PPP मॉडल: मेडिकल शिक्षा में साझेदारी की नई दिशा
धार और बैतूल में शुरू की गई यह पहल मध्यप्रदेश में चार PPP आधारित मेडिकल कॉलेजों की श्रृंखला का हिस्सा है। आगामी संस्थान कटनी और पन्ना में बनाए जाएंगे। इस मॉडल के तहत:
- राज्य सरकार 25 एकड़ तक की भूमि पट्टे पर दे रही है।
- निजी भागीदार शैक्षणिक भवन, अस्पताल, छात्रावास, प्रयोगशालाएँ और आवासीय परिसर विकसित करेंगे।
- इन कॉलेजों से जुड़े जिला अस्पतालों को नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) के मानकों के अनुसार उन्नत किया जाएगा, परंतु प्रशासनिक नियंत्रण राज्य सरकार के पास ही रहेगा।
जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा का सशक्तिकरण
धार और बैतूल दोनों जनजातीय बहुल जिले हैं। यह पहल इन पिछड़े क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं और चिकित्सा शिक्षा की पहुँच को बेहतर बनाने के उद्देश्य से की गई है।
- धार मेडिकल कॉलेज ₹260 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है, जिसका निजी भागीदार स्वामी विवेकानंद शिक्षा धाम फाउंडेशन है।
- इन कॉलेजों से क्षेत्रीय डॉक्टरों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी और जिला स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएँ मजबूत होंगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- PPP मॉडल में निजी क्षेत्र संरचना निर्माण, और सार्वजनिक क्षेत्र नियामक नियंत्रण रखता है।
- नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) भारत में मेडिकल कॉलेजों के लिए मानक तय करने वाली प्रमुख संस्था है।
- आयुष्मान आरोग्य मंदिर भारत में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा केंद्रों के रूप में कार्य करते हैं।
- भारत सरकार का लक्ष्य है कि 2029 तक 75,000 मेडिकल सीटें जोड़ी जाएँ।
केंद्र सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं में प्रगति
केंद्रीय मंत्री जे. पी. नड्डा ने इस अवसर को स्वास्थ्य क्षेत्र में मील का पत्थर बताया और कहा कि 2017 के बाद से भारत में इलाज केंद्रित दृष्टिकोण से रोकथाम और समग्र स्वास्थ्य देखभाल की ओर संक्रमण हुआ है। उन्होंने बताया:
- संस्थागत प्रसव दर लगभग 89% तक पहुँच गई है।
- मातृ मृत्यु दर में वैश्विक औसत से दो गुना अधिक गिरावट आई है।
- 40 करोड़ से अधिक लोगों की हाइपरटेंशन और डायबिटीज की स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
- U-WIN पोर्टल और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों ने मातृ और बाल स्वास्थ्य तथा टीकाकरण सेवाओं को सशक्त किया है।
राज्य स्तरीय चिकित्सा शिक्षा का विस्तार
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि 2002–03 में मध्यप्रदेश में मात्र 5 मेडिकल कॉलेज थे, जो अब बढ़कर 33 हो गए हैं।
- पिछले दो वर्षों में छह नए शासकीय मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए, जिनमें सिंगरौली और श्योपुर जैसे जनजातीय जिले शामिल हैं।
- आगामी PPP कॉलेज भिंड, मुरैना, खरगोन, अशोकनगर, गुना, बालाघाट, टीकमगढ़, सीधी और शाजापुर में शुरू करने की योजना है।
इसके साथ ही राज्य में डॉक्टरों की भर्ती, अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या में वृद्धि, और सिकल सेल एनीमिया की व्यापक स्क्रीनिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
मध्यप्रदेश का यह मॉडल देश के अन्य राज्यों के लिए मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में PPP की व्यवहारिकता और प्रभावशीलता का उदाहरण बन सकता है।