धारुआ जनजाति

धारुआ जनजाति

धारुआ जनजाति ओडिशा में पाई जाने वाली प्राचीन जनजातियों में से एक है। ये धारुआ जनजाति मुख्य रूप से मलकानगिरि जिले में रहते हैं। ये जनजाति छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में भीरहती हैं।

धारुआ जनजातियाँ उड़ीसा के कुछ समीपवर्ती स्थानों में भी निवास करती हैं, जैसे कि कटक, धेनकनाल, कोरापुट, सुंदरगढ़, मयूरभंज, संबलपुर, बोलनगीर आदि। धारुआ जनजाति मूल रूप से कृषि प्रधान लोग हैं। भारत के अन्य सभी आदिवासी लोगों की तरह धारुआ जनजातियों ने अपनी संस्कृति और परंपरा विकसित की है जो उन्हें राज्य के अन्य आदिवासी लोगों से अलग करती है। उनकी भाषा धारुआ भाषा को पारजी के नाम से भी जाना जाता है। यह भाषा द्रविड़ भाषा परिवार की है।

Originally written on August 19, 2019 and last modified on August 19, 2019.

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