द्वारकाधीश मंदिर, मथुरा

द्वारकाधीश मंदिर, मथुरा

मूल रूप से भगवान कृष्ण के जन्म स्थान के लिए जाना जाने वाला मथुरा, यमुना नदी के तट पर स्थित है। इसके अलावा, इस जगह का एक लंबा और चैकदार इतिहास है। इसे भारत का एथेंस कहा जाता है

द्वारकाधीश मंदिर न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि पूरे भारत के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है।

मंदिर और भगवान का इतिहास
यह मंदिर वर्ष 1814 में स्थापित किया गया था, और मथुरा शहर के केंद्र में स्थित है। ग्वालियर की संपत्ति के कोषाध्यक्ष सेठ गोकुल दास पारिख ने मंदिर का निर्माण कराया। यह पूरी तरह से भगवान कृष्ण को समर्पित है।

मंदिर की वास्तुकला
द्वारकाधीश मंदिर एक उत्कृष्ट कला का प्रदर्शन करता है। मंदिर के भीतरी भाग में भगवान कृष्ण, उनकी प्रिय राधा और अन्य हिंदू देवताओं की छवियां प्रदर्शित की गई हैं। स्थानीय कला और सौंदर्यशास्त्र के तत्व मंदिर की वास्तुकला को समृद्ध करते हैं। मंदिर के प्रमुख आकर्षणों में नक्काशी और पेंटिंग शामिल हैं।

प्रबंध
वल्लभाचार्य संप्रदाय के अनुयायी वर्तमान में द्वारकाधीश मंदिर का प्रबंधन करते हैं।

Originally written on January 5, 2020 and last modified on January 5, 2020.

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