‘देश के मेंटर’ (Desh Ke Mentor) कार्यक्रम में बदलाव किये गये

‘देश के मेंटर’ (Desh Ke Mentor) कार्यक्रम में बदलाव किये गये

‘देश के मेंटर’ कार्यक्रम अक्टूबर 2021 में दिल्ली सरकार द्वारा शुरू किया गया था। यह कार्यक्रम कक्षा 9, कक्षा 10, कक्षा 11 और कक्षा 12 के छात्रों को मेंटर्स के साथ जोड़ता है।

मुख्य बिंदु 

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights) ने दिल्ली सरकार से ‘देश के मेंटर’ कार्यक्रम को स्थगित करने की सिफारिश की थी। इसके बाद, दिल्ली सरकार ने इसमें नए फीचर जोड़े हैं। कार्यक्रम में भाग लेने वाले बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई थी। इसलिए, संबंधित सुझाए गए परिवर्तन किए गए हैं।

आयोग द्वारा जताई गई चिंताएं

इस कार्यक्रम द्वारा बच्चों और अज्ञात लोगों को एक साथ लाया जाता है। यह बच्चों के लिए सुरक्षा जोखिम पैदा करता है। मेंटर की प्रामाणिकता प्रदान करने के लिए पुलिस सत्यापन (police verification) की व्यवस्था नहीं है। इसके कारण बच्चों से सम्बंधित अपराध होने की संभावना है।

बाल अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम की धारा 13 और धारा 15 के तहत यह चिंताएं व्यक्त की गई हैं।

नए फीचर

पुलिस अधिकारी मेंटर्स का सत्यापन करेंगे। मेंटर्स और बच्चों के बीच बातचीत रिकॉर्ड की जाएगी। मेंटर्स और बच्चों को ऑफ़लाइन मिलने की अनुमति नहीं है। केवल ऑनलाइन मीटिंग की अनुमति है। मेंटर्स और बच्चों के संपर्क विवरण को प्रदर्शित नहीं किया जायेगा। दोनों प्रतिभागियों को एक दूसरे के ठिकाने के बारे में पता नहीं चलेगा।

देश के मेंटर (Desh Ke Mentor)

इस कार्यक्रम के तहत, 18 वर्ष से 35 वर्ष की आयु के भाग लेने के इच्छुक स्वयंसेवक सलाहकार के रूप में साइन इन करेंगे। वे मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से इस कार्यक्रम में प्रवेश करते हैं। इस एप्प को दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी ने बनाया है। मेंटर्स आपसी हित के आधार पर छात्रों के साथ जुड़े हुए हैं। मेंटरशिप में दो महीने के लिए नियमित कॉल शामिल हैं या इसे चार महीने तक बढ़ाया जाएगा।

कार्यक्रम का उद्देश्य

युवा छात्रों को अपने करियर विकल्पों के चयन में मार्गदर्शन प्राप्त करने में मदद करना। यह कार्यक्रम छात्रों को उच्च शिक्षा, प्रवेश परीक्षा की तैयारी में भी मदद करता है। इस कार्यक्रम के शुभारंभ के बाद से 44,000 लोगों ने कार्यक्रम के लिए साइन अप किया है और वे 1.76 लाख बच्चों की मदद कर रहे हैं।

Originally written on January 21, 2022 and last modified on January 21, 2022.

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