दुबई एयर शो में भारतीय तेजस विमान दुर्घटनाग्रस्त: पायलट शहीद, सुरक्षा पर उठे सवाल

दुबई एयर शो में भारतीय तेजस विमान दुर्घटनाग्रस्त: पायलट शहीद, सुरक्षा पर उठे सवाल

दुबई एयर शो के दौरान भारतीय वायुसेना का तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) एक हवाई प्रदर्शन के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें पायलट की मृत्यु हो गई। यह घटना तेजस के 24 वर्षों के इतिहास में केवल दूसरी दर्ज की गई दुर्घटना है। दुनिया के सबसे बड़े विमानन प्रदर्शन आयोजनों में से एक में हुई इस घटना ने एक बार फिर इस स्वदेशी लड़ाकू विमान की तकनीकी क्षमता, सुरक्षा रिकॉर्ड और विकास यात्रा पर चर्चा को तेज कर दिया है।

दुबई एयर शो की दुर्घटना के विवरण

स्थानीय समयानुसार दोपहर लगभग 2:15 बजे तेजस विमान कम ऊँचाई पर एरोबैटिक करतब दिखा रहा था, तभी वह अचानक नीचे की ओर झुक गया और ज़मीन से टकराने के साथ ही उसमें विस्फोट हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुर्घटना कुछ ही सेकंडों में हुई और स्थल पर मौजूद आपातकालीन दलों ने तुरंत प्रतिक्रिया दी, लेकिन पायलट को बचाया नहीं जा सका। भारतीय वायुसेना ने इस हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश जारी किया है।

निगेटिव-जी मोड़ और संभावित कारण

प्रारंभिक रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि विमान निगेटिव जी-फोर्स टर्न के बाद नियंत्रण में नहीं आ पाया। इस प्रकार की कलाबाज़ी तेजस के प्रमाणित एरोबैटिक प्रोफ़ाइल का हिस्सा है, लेकिन इसमें मिलीसेकंड स्तर की सटीकता आवश्यक होती है। निगेटिव जी के दौरान विमान नीचे की ओर तेजी से बढ़ता है, जिससे पायलट पर “वजनहीनता” का प्रभाव पड़ता है और शरीर में रक्त प्रवाह अस्थायी रूप से उल्टा हो सकता है। यदि पुनर्प्राप्ति में विलंब हो जाए, तो नियंत्रण कठिन हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि तेजस इस प्रकार की उड़ानें करने में सक्षम है, परंतु प्रदर्शन उड़ानों में अत्यधिक सावधानी अनिवार्य होती है।

2024 जैसलमेर दुर्घटना की पुनरावृत्ति

तेजस की पहली और इससे पूर्व की एकमात्र दुर्घटना मार्च 2024 में जैसलमेर के पास हुई थी। उस समय विमान प्रशिक्षण मिशन पर था और टेक-ऑफ के कुछ मिनटों बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हालांकि पायलट “ज़ीरो-ज़ीरो इजेक्शन सीट” के माध्यम से सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे थे। जांच के बाद अधिकारियों ने तेजस के प्रदर्शन और विश्वसनीयता को “मजबूत और सुसंगत” बताया था।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • तेजस को 2019 में फाइनल ऑपरेशनल क्लियरेंस (FOC) प्राप्त हुई।
  • विमान का आधिकारिक नाम “तेजस” वर्ष 2003 में रखा गया था।
  • यह भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित लड़ाकू विमान है।
  • 2001 में पहली उड़ान के बाद अब तक केवल दो दुर्घटनाएँ दर्ज की गई हैं।

तेजस की विशेषताएँ और विकास यात्रा

तेजस एक चौथी पीढ़ी का, सिंगल-इंजन, मल्टीरोल लाइट फाइटर जेट है, जिसे एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) ने डिज़ाइन किया और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने निर्मित किया है। इसका Mk-1A संस्करण अत्याधुनिक AESA रडार, इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग जैसी क्षमताओं से लैस है। हल्के कंपोज़िट मटेरियल से निर्मित यह विमान अत्यधिक फुर्तीला है और इसमें प्रिसिजन-गाइडेड बमों से लेकर बीवीआर (Beyond Visual Range) मिसाइलों तक विभिन्न हथियार लगाए जा सकते हैं।

Originally written on November 24, 2025 and last modified on November 24, 2025.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *