दिसंबर में अंतरिक्ष में जाएगी ‘व्योममित्रा’: भारत की पहली अंतरिक्ष मानव-सहायक रोबोट

दिसंबर में अंतरिक्ष में जाएगी ‘व्योममित्रा’: भारत की पहली अंतरिक्ष मानव-सहायक रोबोट

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) दिसंबर 2025 में इतिहास रचने की तैयारी कर रहा है। इसरो अपनी पहली ह्यूमनॉइड रोबोट ‘व्योममित्रा’ को अंतरिक्ष में भेजेगा, जो मानव अंतरिक्ष मिशन से पहले अंतरिक्ष वातावरण का परीक्षण करने में मदद करेगी। यह मिशन भारत के महत्वाकांक्षी ‘गगनयान’ मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम का एक अहम चरण है।

क्या है ‘व्योममित्रा’?

‘व्योममित्रा’ एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है “अंतरिक्ष में मित्र” (‘व्योम’ = अंतरिक्ष, ‘मित्र’ = दोस्त)। यह ISRO द्वारा विकसित एक सेमी-ह्यूमनॉइड रोबोट है जो मानव-जैसे हाव-भाव, संवाद क्षमता और बुद्धिमत्ता से युक्त है। इसका उद्देश्य अंतरिक्ष में मानव जैसी गतिविधियों का अनुकरण कर, अंतरिक्ष यान की प्रणाली और सुरक्षा मानकों की जांच करना है।

गगनयान मिशन में क्या भूमिका निभाएगी व्योममित्रा?

गगनयान मिशन के तहत भारत पहली बार मानव को निम्न-पृथ्वी कक्षा में भेजेगा। इससे पहले इसरो कई मानवरहित परीक्षण उड़ानें करेगा जिनमें व्योममित्रा को भेजा जाएगा। इन मिशनों में व्योममित्रा निम्नलिखित कार्य करेगी:

  • नियंत्रण पैनलों का संचालन और ग्राउंड स्टेशन से संवाद
  • केबिन के तापमान, आर्द्रता, ऑक्सीजन स्तर जैसे पर्यावरणीय मापदंडों की निगरानी
  • स्विच संचालन और प्रणाली जांच
  • वास्तविक समय में स्थिति अपडेट प्रदान करना
  • सेंसर की मदद से मानव जैसी शारीरिक प्रतिक्रियाओं का अनुकरण

कैसे कार्य करती है व्योममित्रा?

व्योममित्रा का डिज़ाइन उपयोगिता और मानव जैसी उपस्थिति का संतुलन प्रस्तुत करता है। इसमें निम्नलिखित तकनीकी क्षमताएँ शामिल हैं:

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित सीमित निर्णय लेने की क्षमता
  • आवाज पहचानने की प्रणाली और संवाद कौशल
  • सेंसर आधारित शारीरिक प्रतिक्रिया प्रणाली
  • उड़ान के दौरान असामान्य परिस्थितियों में स्वतः प्रतिक्रिया की योग्यता

इन क्षमताओं से व्योममित्रा न केवल वैज्ञानिक डेटा एकत्र करेगी, बल्कि यह सुनिश्चित करेगी कि जब वास्तविक अंतरिक्ष यात्री (व्योमनॉट्स) गगनयान में सवार हों, तो उनकी सुरक्षा और उपकरणों की विश्वसनीयता सुनिश्चित हो सके।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ‘गगनयान’ भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है, जिसकी पहली मानव उड़ान 2027 की पहली तिमाही में प्रस्तावित है।
  • ‘व्योममित्रा’ को पहली बार 2020 में इसरो द्वारा प्रदर्शित किया गया था।
  • यह रोबोट सेमी-ह्यूमनॉइड श्रेणी की है, यानी इसमें मानव जैसी ऊपरी संरचना है, लेकिन पैर नहीं हैं।
  • व्योममित्रा का परीक्षण इसरो के मानवरहित मिशनों के लिए अहम है, जिससे प्रणाली की ह्यूमन-रेटिंग सुनिश्चित की जा सके।
Originally written on October 7, 2025 and last modified on October 7, 2025.

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