दिल्ली सरकार का “नीव” कार्यक्रम: स्कूली शिक्षा में उद्यमिता की नई दिशा
दिल्ली सरकार ने इस वर्ष एक अभिनव पहल के रूप में “नई एरा ऑफ एंटरप्रेन्योरियल इकोसिस्टम एंड विज़न” (NEEV) कार्यक्रम की शुरुआत की है, जो पारंपरिक रटने की पद्धति को समाप्त कर व्यावहारिक और अनुभव आधारित शिक्षा को बढ़ावा देता है। कक्षा 8 से 12 तक के छात्रों के लिए तैयार किया गया यह कार्यक्रम आत्मविश्वास, सृजनशीलता और समस्या समाधान कौशल को विकसित करने पर केंद्रित है।
सोच में बदलाव: याददाश्त से मानसिकता तक
नीव कार्यक्रम कक्षाओं में संरचित और गतिविधि-आधारित मॉड्यूल्स को शामिल करता है, जिससे छात्र पाठ्यपुस्तक से आगे सोचने और विचारों को वास्तविक जीवन में लागू करने के लिए प्रेरित होते हैं। यह पहल “12th फेल” जैसी प्रेरणादायक कहानियों से सीख लेकर विद्यार्थियों में दृढ़ता, आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की भावना को मजबूत करती है।
प्रेरक और सहपाठी आधारित गतिविधियाँ
इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण स्तंभ प्रेरणादायक कहानी-कथन है। ‘रोल मॉडल रिसर्च’ और ‘टॉक शो’ जैसी गतिविधियाँ विद्यार्थियों को ऐसे व्यक्तित्वों के बारे में जानने का अवसर देती हैं जिन्होंने संघर्ष के बावजूद सफलता प्राप्त की। वहीं ‘तुमसे हो पाएगा! जार’ जैसी पहल छात्रों को एक-दूसरे को प्रेरणादायक संदेश देने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे सहयोगात्मक और सकारात्मक माहौल बनता है।
सभी कक्षाओं के लिए व्यावहारिक उद्यमिता अभ्यास
नीव कार्यक्रम में ‘बिजनेस इन अ बॉक्स – रैपिड फायर चैलेंज’ जैसी गतिविधियाँ छात्रों को रोज़मर्रा की वस्तुओं से नए व्यावसायिक विचार उत्पन्न करने की चुनौती देती हैं। ‘स्टार्टअप ऑफ द डे’ उन्हें ओला, फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों के उदाहरणों से सीखते हुए समस्याओं के समाधान सोचने के लिए प्रेरित करता है। वरिष्ठ छात्र ‘मिनिमम वायबल प्रोडक्ट’ (MVP) तैयार करते हैं, विचारों पर प्रतिक्रिया लेते हैं, और ‘ज़ेप्टो’, ‘इंस्टाग्राम’ तथा ‘मीशो’ जैसी कंपनियों से ‘पिवोट’ और ‘स्केलिंग’ के सिद्धांत समझते हैं।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- नीव कार्यक्रम कक्षा 8 से 12 तक के छात्रों को लक्षित करता है।
- यह दिल्ली सरकार के 2019 में शुरू हुए एंटरप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम (EMC) का विस्तारित रूप है।
- इसमें मुख्य तत्व हैं प्रेरक कहानी-कथन, त्वरित व्यावसायिक चुनौतियाँ, और स्टार्टअप सिमुलेशन।
- ‘माय बिलियन-रुपी आइडिया’ जैसी गतिविधियाँ विद्यार्थियों को मार्केट रिसर्च और बिज़नेस प्लान बनाने का अभ्यास कराती हैं।
नवाचार के केंद्र बनते विद्यालय
नीव कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूलों को नवाचार और सृजनशीलता के केंद्रों में बदलना है। दो-सप्ताह के अंतराल पर होने वाले मूल्यांकन जैसे ‘माय बिलियन-रुपी आइडिया’ विद्यार्थियों को व्यापारिक योजनाएँ बनाने, बाजार अनुसंधान करने और प्रोटोटाइप प्रस्तुत करने का अवसर देते हैं। इस प्रकार, कक्षाएँ अब केवल शिक्षा का स्थान नहीं रहीं, बल्कि उद्यमिता और नवाचार की प्रयोगशालाएँ बन गई हैं।