दिल्ली रिज संरक्षण को नई ताकत: पर्यावरण मंत्रालय ने पुनर्गठित किया दिल्ली रिज प्रबंधन बोर्ड
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की पारिस्थितिकी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रिज क्षेत्र (Ridge) की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार ने दिल्ली रिज प्रबंधन बोर्ड (Delhi Ridge Management Board – DRMB) को नए वैधानिक अधिकारों के साथ पुनर्गठित किया है। यह निर्णय पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 3(3) के तहत लिया गया है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के पालन में आया है, जिससे इस संवेदनशील क्षेत्र की निगरानी और सुरक्षा को कानूनी मजबूती मिल सके।
सुप्रीम कोर्ट की भूमिका और वैधानिक ढाँचे की आवश्यकता
शीर्ष न्यायालय ने यह देखा कि पूर्ववर्ती DRMB केवल कार्यकारी आदेशों से बना था, जिसकी कार्यक्षमता सीमित थी और विभिन्न एजेंसियों के बीच दायित्वों की अस्पष्टता बनी हुई थी। अब नए बोर्ड को वैधानिक दर्जा मिलने से यह अतिक्रमण रोकने, भूमि उपयोग नियंत्रित करने और वनीकरण की निगरानी करने के लिए बाध्यकारी अधिकारों से लैस हो गया है।
न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक ऐसी कानूनी शक्तियाँ नहीं मिलतीं, तब तक रिज की पारिस्थितिकी की प्रभावी सुरक्षा संभव नहीं हो सकती।
संरचना, दायित्व और निगरानी प्रणाली
पुनर्गठित बोर्ड में 13 सदस्य होंगे, जिसकी अध्यक्षता दिल्ली के मुख्य सचिव करेंगे। इसमें केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय, सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (CEC) और दो नागरिक समाज विशेषज्ञों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। बोर्ड की कार्य प्रणाली पर CEC का एक प्रतिनिधि हर तीन महीने में सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगा, जिससे न्यायिक निगरानी निरंतर बनी रहेगी।
संरक्षण की चुनौतियाँ और विशेषज्ञों की चिंता
2021 के मास्टर प्लान के अनुसार दिल्ली में कुल 7,777 हेक्टेयर भूमि रिज क्षेत्र के अंतर्गत आती है, लेकिन अब तक केवल 103.48 हेक्टेयर ही वन अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचित की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि खासकर दक्षिणी रिज में वर्षों से अतिक्रमण की जानकारी होते हुए भी इनको हटाने में सुस्ती रही है। वे चेताते हैं कि केवल वैधानिक दर्जा देना पर्याप्त नहीं है; इसके प्रभावी क्रियान्वयन और विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल की आवश्यकता है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- DRMB को अब पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 की धारा 3(3) के तहत शक्तियाँ मिली हैं।
- 7,777 हेक्टेयर रिज क्षेत्र दिल्ली के चार क्षेत्रों में फैला हुआ है।
- केवल 103.48 हेक्टेयर को अभी तक वन अधिनियम के तहत अधिसूचित किया गया है।
- DRMB की निगरानी हेतु CEC का प्रतिनिधि हर तीन महीने में सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट देगा।
पारिस्थितिक महत्व और पुनर्स्थापन की प्राथमिकताएँ
दिल्ली रिज क्षेत्र न केवल तापमान नियंत्रण, प्रदूषण शोधन, जल पुनर्भरण और वन्यजीव आवास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दिल्ली के लिए एक प्राकृतिक ढाल का कार्य भी करता है। संरक्षणवादियों का मानना है कि अब आवश्यक है कि अवैध निर्माण हटाए जाएँ, भूमि उपयोग परिवर्तन रोका जाए और नष्ट हुए क्षेत्रों का पारिस्थितिक पुनर्स्थापन किया जाए।
बोर्ड का यह नया स्वरूप शासन में लंबे समय से चली आ रही खामियों को दूर करने में सहायक हो सकता है और दिल्ली के इस सबसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक क्षेत्र की सुरक्षा को स्थायी रूप से सुनिश्चित कर सकता है।