दिल्ली में वायु प्रदूषण के खिलाफ तकनीकी पहल: “स्मॉग-ईटिंग” कोटिंग का ट्रायल शुरू

वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रही राजधानी दिल्ली अब एक नई वैज्ञानिक पहल के माध्यम से समाधान की दिशा में कदम बढ़ा रही है। दिल्ली सरकार, विशेष रूप से पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा के नेतृत्व में, सड़कों, फुटपाथों और सार्वजनिक स्थलों पर “स्मॉग-ईटिंग” फोटोकैटलिटिक कोटिंग्स के प्रभाव का अध्ययन करने के लिए एक समयबद्ध व्यवहार्यता अध्ययन शुरू करने जा रही है। इस कोटिंग में टाइटेनियम डाइऑक्साइड (TiO₂) का उपयोग किया जाएगा, जो वायुमंडलीय प्रदूषकों जैसे नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂) और हानिकारक हाइड्रोकार्बन को निष्क्रिय करने में सक्षम माना जाता है।
फोटोकैटलिटिक कोटिंग: विज्ञान और प्रयोग
सरकार द्वारा प्रस्तावित यह कोटिंग एक प्रकार की सतही तकनीक है जो प्रकाश की उपस्थिति में रासायनिक प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर प्रदूषक गैसों को तोड़ती है। टाइटेनियम डाइऑक्साइड, जो कि एक सस्ता और रासायनिक रूप से स्थिर पदार्थ है, पारंपरिक निर्माण सामग्री के साथ आसानी से मेल खा सकता है। ‘Nanomaterials’ जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, TiO₂-आधारित सतहें वायुगतिकीय सफाई प्रक्रियाओं में प्रभावी सिद्ध हुई हैं।
अध्ययन की रूपरेखा और उद्देश्य
- 30 दिनों के भीतर किसी प्रतिष्ठित वैज्ञानिक संस्थान के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
- छह माह में अध्ययन की अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
- अध्ययन के दौरान प्रभावशीलता, लागत, सुरक्षा और दीर्घकालिक स्थायित्व की जांच की जाएगी।
- विश्वसनीय आपूर्तिकर्ताओं की पहचान कर बड़े पैमाने पर विस्तार की योजना बनाई जाएगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- फोटोकैटलिसिस वह प्रक्रिया है जिसमें प्रकाश की मदद से किसी पदार्थ में रासायनिक परिवर्तन किया जाता है।
- टाइटेनियम डाइऑक्साइड का उपयोग पहले से ही पेंट्स, सनस्क्रीन और खाद्य उत्पादों में होता आया है।
- इटली, जापान और नीदरलैंड जैसे देशों में TiO₂ कोटिंग का सीमित सफलता के साथ उपयोग किया गया है।
- दिल्ली में ‘इनोवेटर्स चैलेंज’ के माध्यम से छात्रों और स्टार्टअप्स को नवाचार के लिए आमंत्रित किया गया है।