दिल्ली में ‘पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड’ की शुरुआत: महिलाओं और ट्रांसजेंडर यात्रियों को मुफ्त बस सेवा
दिल्ली सरकार ने महिलाओं और ट्रांसजेंडर यात्रियों के लिए मुफ्त बस यात्रा की सुविधा प्रदान करने हेतु ‘पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड’ योजना शुरू की है। यह पहल राजधानी की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को अधिक सुरक्षित, सुलभ और समावेशी बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
महिलाओं और ट्रांसजेंडर समुदाय को सशक्त करने की दिशा में कदम
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस योजना की घोषणा करते हुए बताया कि 12 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाएं और ट्रांसजेंडर व्यक्ति इस स्मार्ट कार्ड के लिए पात्र हैं। इस योजना का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना और महिलाओं को आर्थिक बाधाओं के बिना स्वतंत्र रूप से आवागमन की सुविधा प्रदान करना है। मुख्यमंत्री ने इस कार्ड को “महिला सशक्तिकरण और सार्वजनिक स्थलों में समानता का प्रतीक” बताया।
योजना का क्रियान्वयन और लाभ
‘पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड’ एक डिजिटल पास की तरह कार्य करेगा, जिससे कार्डधारकों को दिल्ली परिवहन निगम (DTC) और क्लस्टर बस सेवाओं में निःशुल्क यात्रा की सुविधा प्राप्त होगी। यह योजना न केवल कामकाजी महिलाओं और छात्राओं के दैनिक यात्रा खर्च में राहत देगी, बल्कि सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को प्रोत्साहित कर शहर की सड़कों पर भीड़ को कम करने और प्रदूषण नियंत्रण में भी सहायक होगी।
शिक्षा क्षेत्र में भी बड़ा सुधार
यात्रा सुविधा के साथ-साथ दिल्ली सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में भी एक अहम फैसला लिया है। शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने घोषणा की कि अब गैर-अनुरूप क्षेत्रों (non-conforming areas) में स्थित निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूल भी आधिकारिक मान्यता के लिए आवेदन कर सकेंगे। यह निर्णय लंबे समय से चली आ रही एक समस्या को सुलझाने की दिशा में अहम कदम है, जिससे अब अधिक बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं रहना पड़ेगा।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ‘पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड’ दिल्ली में महिलाओं और ट्रांसजेंडर यात्रियों के लिए मुफ्त बस सेवा हेतु शुरू किया गया।
- यह कार्ड DTC और क्लस्टर बसों में 12 वर्ष से ऊपर के सभी पात्र व्यक्तियों को मुफ्त यात्रा की सुविधा देगा।
- योजना की घोषणा मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 2 नवंबर 2025 को की।
- शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने गैर-अनुरूप क्षेत्रों के निजी स्कूलों को मान्यता देने की नई नीति की घोषणा की।
रेखा गुप्ता के नेतृत्व में नई सामाजिक पहलें
ये दोनों पहलें दिल्ली सरकार की लैंगिक-संवेदनशील और समावेशी शहरी विकास नीति की ओर इशारा करती हैं। एक ओर जहाँ महिलाओं और ट्रांसजेंडर समुदाय को सार्वजनिक परिवहन में सहजता और सुरक्षा प्रदान की जा रही है, वहीं दूसरी ओर शिक्षा से जुड़े पुराने प्रशासनिक अड़चनों को हटाकर बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा का मार्ग खोला गया है।