दिल्ली में खतरनाक वायु गुणवत्ता, सख्त कदमों की घोषणा

दिल्ली में खतरनाक वायु गुणवत्ता, सख्त कदमों की घोषणा

दिल्ली और एनसीआर लगातार खतरनाक स्तर की वायु गुणवत्ता से जूझ रहे हैं। राजधानी का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) करीब 360 तक पहुंच गया है, जिसे ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा गया है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) में संशोधन करते हुए कई उच्च-स्तरीय प्रतिबंधों को पहले लागू करने का निर्णय लिया है।

सख्त उपाय अब पहले लागू होंगे

संशोधित रणनीति के तहत जो कदम पहले केवल ‘गंभीर’ श्रेणी (Stage IV) के लिए आरक्षित थे, उन्हें अब Stage III में शामिल किया गया है। इससे दिल्ली और एनसीआर की राज्य सरकारों को यह अधिकार मिला है कि वे सरकारी, निजी और नगर निगम दफ्तरों में 50% उपस्थिति और शेष कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की अनुमति दे सकें। केंद्रीय सरकारी कार्यालयों पर निर्णय अलग से लिया जाएगा। इस बदलाव का उद्देश्य प्रदूषण की प्रवृत्ति और पूर्वानुमान के आधार पर जल्द और प्रभावी हस्तक्षेप सुनिश्चित करना है।

परिवर्तनों से यातायात और ऊर्जा प्रबंधन पर जोर

अब Stage I के तहत भी पहले से उच्च स्तर के कदम लागू होंगे। अधिकारियों को सुनिश्चित करना होगा कि बिजली की आपूर्ति बाधित न हो ताकि डीजल जनरेटरों के प्रयोग से बचा जा सके। इसके साथ ही यातायात प्रवाह को सुचारू बनाए रखने के लिए चौराहों पर कड़ी निगरानी और प्रवर्तन बढ़ाया जाएगा।सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को भी बढ़ाया जा रहा है CNG और इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती, मेट्रो की अतिरिक्त फ्रीक्वेंसी, और ऑफ-पीक घंटों में रियायती किराया जैसे उपायों से लोगों को निजी वाहनों की जगह सार्वजनिक साधनों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

संशोधित GRAP-II में गतिशीलता प्रबंधन पर फोकस

GRAP-II के तहत दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर के सरकारी विभागों में स्टैगरड ऑफिस टाइमिंग्स लागू की जा रही हैं ताकि पीक ऑवर ट्रैफिक को कम किया जा सके। अन्य एनसीआर जिलों को भी इसी तरह की व्यवस्था अपनाने की सलाह दी गई है। केंद्र सरकार अपने कार्यालयों में भी इस दिशा में कदम उठा सकती है। इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य वाहन प्रदूषण को नियंत्रित करना है, जो सर्दियों में दिल्ली की हवा बिगाड़ने का प्रमुख कारण बनता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • GRAP दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता और पूर्वानुमानों के आधार पर सक्रिय किया जाता है।
  • संशोधित ढांचे में Stage IV की कई कार्रवाइयाँ अब Stage III में लाई गई हैं।
  • दिल्ली का वर्तमान AQI लगभग 360 है, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
  • Stage I के अंतर्गत अब सार्वजनिक परिवहन को मजबूत करने का प्रावधान अनिवार्य कर दिया गया है।

राजधानी में भले ही वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार दर्ज किया गया हो, लेकिन कई हिस्सों में घना धुंधलका छाया रहा। आईटीओ जैसे केंद्रीय क्षेत्रों में AQI 370 तक पहुंच गया, जबकि नोएडा के कुछ इलाकों में यह 430 से अधिक यानी ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज हुआ। लोगों ने सांस लेने में कठिनाई, आंखों में जलन और गतिशीलता पर असर जैसी समस्याओं के प्रति चिंता जताई है। लगातार बढ़ता धुंआ और ठंड के मौसम में स्थिर वायु परिस्थितियां इस संकट को और गहराती जा रही हैं।

Originally written on November 24, 2025 and last modified on November 24, 2025.

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