दिल्ली मिल्क स्कीम के अंतर्गत गाय के दूध और सह-ब्रांडेड उत्पादों की शुरुआत, 22 नए बूथ आवंटित

दिल्ली मिल्क स्कीम (DMS) ने 13 अगस्त 2025 को एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की जब नास्क कॉम्प्लेक्स, पूसा, नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान गाय के दूध और सह-ब्रांडेड डेयरी उत्पादों की डिजिटल शुरुआत की गई। इस कार्यक्रम में पशुपालन और डेयरी विभाग (DAHD) की सचिव श्रीमती अल्का उपाध्याय सहित विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। यह पहल न केवल उपभोक्ताओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद लाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह ग्रामीण–शहरी डेयरी कनेक्ट को भी मजबूती प्रदान करती है।
नई उत्पाद श्रृंखला और रोज़गार सृजन की दिशा में पहल
इस कार्यक्रम के दौरान 22 चयनित आवेदकों को नए बूथ आवंटन पत्र प्रदान किए गए, जिससे न केवल नई रोज़गार संभावनाएं खुलीं, बल्कि DMS की खुदरा नेटवर्क का भी विस्तार हुआ। यह निर्णय उन युवाओं और उद्यमियों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो डेयरी क्षेत्र में अपना व्यवसाय स्थापित करना चाहते हैं।
डेयरी पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त करने की दिशा में कदम
सचिव अल्का उपाध्याय ने अपने संबोधन में कहा कि डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार और मूल्य श्रृंखला के सभी हितधारकों को समावेशी अवसर देना विभाग की प्राथमिकता है। उन्होंने DMS और हरियाणा मिल्क फेडरेशन की संयुक्त पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह उपभोक्ताओं के विश्वास को और मजबूत करेगा और पशुपालकों को भी सशक्त बनाएगा।
DMS का NCR में बढ़ता प्रभाव
अतिरिक्त सचिव श्रीमती वर्षा जोशी ने DMS ब्रांड की अहमियत पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में यह ब्रांड उपभोक्ताओं की पहली पसंद बन चुका है। नए उत्पादों की शुरुआत से DMS की बाजार हिस्सेदारी बढ़ेगी और ग्राहकों को अधिक विकल्प मिलेंगे।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- दिल्ली मिल्क स्कीम (DMS) की स्थापना 1959 में हुई थी, और यह दिल्ली सरकार की प्रमुख दुग्ध आपूर्ति योजनाओं में से एक है।
- वर्तमान में DMS के लगभग 600 बूथ और 500 अन्य बिक्री केंद्र दिल्ली-एनसीआर में संचालित हो रहे हैं।
- “विटा” ब्रांड हरियाणा डेयरी विकास सहकारी संघ लिमिटेड (HDDCF) का प्रमुख ब्रांड है, जो अब DMS के साथ सह-ब्रांडिंग में शामिल हुआ है।
- DAHD (Department of Animal Husbandry and Dairying) भारत सरकार का एक प्रमुख विभाग है, जो डेयरी और पशुपालन से जुड़े नीतिगत निर्णयों का संचालन करता है।
DMS की यह नई पहल जहां एक ओर उपभोक्ताओं को शुद्ध और उच्च गुणवत्ता वाले डेयरी उत्पाद उपलब्ध कराएगी, वहीं दूसरी ओर यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूती प्रदान करेगी। गाय के दूध की उपलब्धता और सह-ब्रांडिंग जैसे कदम भारत की दुग्ध क्रांति को अगले चरण में ले जाने की दिशा में संकेत देते हैं। यह पहल न केवल दिल्ली बल्कि पूरे भारत के डेयरी क्षेत्र में एक प्रेरणादायक मॉडल के रूप में देखी जा रही है।