दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना (Dibang Multipurpose Project) क्या है?

दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना (Dibang Multipurpose Project) क्या है?

दिबांग जलविद्युत परियोजना, जिसे हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित किया गया था, भारत की अब तक की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना है। यह बहुउद्देशीय परियोजना अरुणाचल प्रदेश की निचली दिबांग घाटी जिले में दिबांग नदी पर चीन की सीमा के करीब स्थापित की जा रही है। खास बात यह है कि इसे पहाड़ी क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है।

दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना को कौन लागू करेगा?

यह परियोजना नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (NHPC) लिमिटेड द्वारा विकसित की जाएगी। इस 2,880 मेगावाट जलविद्युत परियोजना की अनुमानित लागत 319 अरब रुपये है। इसके पूरा होने में 9 साल लगने की उम्मीद है। इसमें 278 मीटर ऊंचे कंक्रीट ग्रेविटी बांध और एक भूमिगत पावर हाउस का निर्माण शामिल है।

दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना क्या है?

इस परियोजना से 2,880 मेगावाट जलविद्युत उत्पन्न होगी। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण और जल भंडारण भी है। पूरा होने के बाद अरुणाचल प्रदेश सरकार को 1346.76 एमयू पानी प्राप्त होगा।

दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना की क्या आवश्यकता है?

दिहांग, दिबांग और लोहित ब्रह्मपुत्र की प्रमुख सहायक नदियाँ हैं। बारिश के मौसम में एक साथ नदियाँ पूर्वोत्तर क्षेत्र में बाढ़ लाती हैं। ब्रह्मपुत्र को उसकी बाढ़ और प्रवाह की बदलती दिशा के लिए असम का शोक कहा जाता है। 

दिबांग नदी कहाँ है?

यह नदी भारत-चीन सीमा पर, यानी कीया दर्रे के पास से निकलती है। यह मिश्मी पहाड़ियों से होकर बहती है। यह डिब्रू-सैखोवा अभयारण्य के पास लोहित नदी में मिलती है। दिबांग की सहायक नदियाँ एमरा, इथुन, द्री, रंगोन, माथुन और सीसर हैं।

दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना ख़बरों में क्यों है?

भारत सरकार ने हाल ही में इस परियोजना के लिए 3.9 बिलियन अमरीकी डालर की मंजूरी दी है। साथ ही कुछ सामुदायिक एवं सामाजिक विकास योजनाओं पर 241 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। 

Originally written on March 3, 2023 and last modified on March 3, 2023.

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