दक्षिण कोरिया के दिग्गज अभिनेता ली सून-जे का 91 वर्ष की आयु में निधन
दक्षिण कोरिया के महान अभिनेता ली सून-जे का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया, जिससे उनके सिनेमा, रंगमंच और टेलीविज़न के सात दशकों से अधिक लंबे गौरवशाली करियर का अंत हो गया। कोरियाई कला जगत में उन्हें अभिनय का प्रतीक माना जाता है, जिनका योगदान देश की सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा बन चुका है।
कोरियाई मनोरंजन जगत की विशिष्ट यात्रा
ली सून-जे का जन्म 1934 में होएर्योंग में हुआ था और उनका पालन-पोषण सियोल में हुआ। उन्होंने सियोल नेशनल यूनिवर्सिटी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और प्रारंभिक वर्षों में यूरोपीय सिनेमा तथा लॉरेंस ओलिवियर के “हैमलेट” से प्रेरित होकर अभिनय की ओर रुख किया। 1960 के दशक की शुरुआत में उन्होंने रंगमंच नाटक “बियॉन्ड द होराइजन” से अभिनय यात्रा आरंभ की और शीघ्र ही कोरिया के पहले पीढ़ी के अभिनेताओं में गिने जाने लगे। उन्होंने आधुनिक कोरियाई मनोरंजन की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
फिल्मों, टेलीविज़न और रंगमंच में उल्लेखनीय योगदान
ली सून-जे का अभिनय करियर विविधता और गहराई से परिपूर्ण रहा। उन्होंने नाट्य, हास्य और ऐतिहासिक पात्रों में समान दक्षता दिखाई। उनकी प्रसिद्ध कृतियों में “अनस्टॉपेबल हाई किक!”, “गुड मॉर्निंग प्रेसिडेंट”, “लेट ब्लॉसम”, “ग्रैंडपाज़ ओवर फ्लावर्स”, “डियर माई फ्रेंड्स”, “द स्कॉलर हू वॉक्स द नाइट” और “ए थाउज़ंड किसेस” जैसी चर्चित रचनाएँ शामिल हैं।उम्र के अंतिम पड़ाव तक वे सक्रिय रहे और 2024 में सैम्युअल बेकेट के नाटक “वेटिंग फॉर गोडोट” में अभिनय करने वाले थे, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से उन्हें यह योजना स्थगित करनी पड़ी।
श्रद्धांजलियाँ और राष्ट्रीय सम्मान
उनके निधन के बाद पूरे कोरिया में शोक की लहर फैल गई। कलाकारों, निर्देशकों और आम नागरिकों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-म्यंग ने उन्हें “महान सितारा” बताया, जिन्होंने न केवल अभिनय में अनुशासन और समर्पण का उदाहरण प्रस्तुत किया, बल्कि अपने चरित्र और कार्यनीति से पीढ़ियों के कलाकारों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि ली सून-जे की कला और विचारधारा कोरियाई सांस्कृतिक विरासत का स्थायी हिस्सा बन चुकी है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ली सून-जे का जन्म 1934 में हुआ और निधन 91 वर्ष की आयु में हुआ।
- वे दक्षिण कोरिया के पहली पीढ़ी के अभिनेताओं में से एक माने जाते हैं।
- उनका अभिनय करियर 70 से अधिक वर्षों तक रंगमंच, फिल्म और टीवी में फैला रहा।
- वे प्रारंभिक समय में लॉरेंस ओलिवियर के “हैमलेट” के प्रदर्शन से गहराई से प्रभावित हुए थे।
प्रेरणा बनती उनकी विरासत
ली सून-जे ने अभिनय के क्षेत्र में जो मानक स्थापित किए, वे आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत रहेंगे। उनके अभिनय की गहराई, कार्य के प्रति समर्पण और कलात्मक दृष्टिकोण ने कोरियाई मनोरंजन जगत को नई ऊँचाइयाँ दीं। उनका निधन केवल एक अभिनेता का नहीं, बल्कि एक युग का अंत है परंतु उनकी कलात्मक विरासत और शिक्षाएँ सदा जीवित रहेंगी, और नई पीढ़ियों को सृजन और उत्कृष्टता की ओर अग्रसर करती रहेंगी।