त्रिपुरा विधानसभा अध्यक्ष विश्वबंधु सेन का निधन: एक युग का अंत

त्रिपुरा विधानसभा अध्यक्ष विश्वबंधु सेन का निधन: एक युग का अंत

त्रिपुरा विधानसभा के अध्यक्ष विश्वबंधु सेन का शुक्रवार सुबह बेंगलुरु के एक अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 72 वर्षीय सेन को कुछ समय पूर्व मस्तिष्काघात हुआ था, जिसके बाद वे इलाजरत थे। उनके निधन से पूरे राज्य में शोक की लहर है और विभिन्न राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों तथा आम जनता ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा सहित कई प्रमुख नेताओं ने उनकी मृत्यु पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्हें एक शालीन, सिद्धांतवादी और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पित जनप्रतिनिधि के रूप में याद किया गया।

#### राज्यभर में शोक और सम्मान

त्रिपुरा सरकार ने सेन के सम्मान में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे और शुक्रवार को सार्वजनिक अवकाश भी रखा गया। उनका पार्थिव शरीर शनिवार को त्रिपुरा लाया जाएगा और विधानसभा परिसर में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद उन्हें उनके गृह नगर धर्मनगर में अंतिम संस्कार हेतु ले जाया जाएगा।

यह घोषणा उनके राज्य और देश के प्रति किए गए योगदान की सराहना का प्रतीक है। जनता को उनके अंतिम दर्शन और सम्मान का अवसर देने की प्रक्रिया को गरिमामय तरीके से संपन्न किया जाएगा।

#### पांच दशकों का राजनीतिक जीवन

विश्वबंधु सेन ने 1970 के दशक में एक कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। 1988 में वे धर्मनगर नगर पंचायत के उपाध्यक्ष बने। वे दो बार कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए। 2017 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा और 2018 तथा 2023 में विधानसभा चुनाव जीते।

2023 में उन्हें त्रिपुरा विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने सदन की मर्यादा, निष्पक्षता और शालीनता को बनाए रखा। विभिन्न राजनीतिक दलों से उन्हें सम्मान मिला और उनकी अध्यक्षता को लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुरूप माना गया।

#### खबर से जुड़े जीके तथ्य

* विश्वबंधु सेन 2023 में त्रिपुरा विधानसभा के अध्यक्ष बने थे।
* राज्य शोक के दौरान राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुकाया जाता है।
* विधानसभा अध्यक्ष का दायित्व सदन की कार्यवाही को सुचारु और निष्पक्ष रूप से संचालित करना होता है।
* धर्मनगर, त्रिपुरा के उत्तर जिले का एक प्रमुख नगर है।

विश्वबंधु सेन अपने पीछे पत्नी, एक पुत्र और एक पुत्री को छोड़ गए हैं। वे अपने सौम्य व्यवहार, निष्पक्ष नेतृत्व और लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति प्रतिबद्धता के लिए याद किए जाएंगे। उनका जीवन एक आदर्श जनसेवक की मिसाल था और उनका निधन त्रिपुरा की राजनीतिक और संसदीय परंपरा के एक युग का समापन है।

Originally written on December 27, 2025 and last modified on December 27, 2025.

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