तेलंगाना राइजिंग ग्लोबल समिट में ₹5.75 लाख करोड़ निवेश की घोषणा
तेलंगाना सरकार द्वारा आयोजित दो दिवसीय “तेलंगाना राइजिंग ग्लोबल समिट” का समापन ऐतिहासिक निवेश प्रतिबद्धताओं के साथ हुआ। इस समिट में कुल ₹5.75 लाख करोड़ के निवेश समझौते (MoUs) पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे यह राज्य के इतिहास में पूंजी जुटाने की एक बड़ी उपलब्धि बन गई है। इस आयोजन ने तेलंगाना को उन्नत ऊर्जा प्रणालियों, डेटा इन्फ्रास्ट्रक्चर और भविष्य के अनुकूल शहरी विकास के केंद्र के रूप में प्रस्तुत किया।
ऊर्जा और डेटा इन्फ्रास्ट्रक्चर में प्रमुख निवेश
कुल निवेश में से लगभग आधा ऊर्जा क्षेत्र में हुआ, जिससे यह स्पष्ट है कि निवेशक अब बड़े पैमाने पर टिकाऊ ऊर्जा समाधानों में रुचि दिखा रहे हैं।
- Infrakey Datacenter Parks ने ₹70,000 करोड़ की लागत से 1 गीगावॉट का AI डेटा सेंटर प्रोजेक्ट घोषित किया।
- सिंगापुर की AGIDC ने ₹67,500 करोड़ के निवेश के साथ एक अंतरराष्ट्रीय गेटवे डेटा सेंटर की स्थापना की पुष्टि की।
इन परियोजनाओं से तेलंगाना में डिजिटल बुनियादी ढांचे को नई मजबूती मिलेगी और राज्य वैश्विक डेटा हब बनने की दिशा में अग्रसर होगा।
शहरी और तकनीकी परियोजनाओं में बड़ी योजनाएं
JCK Infra Projects ने भारत फ्यूचर सिटी में ₹9,000 करोड़ की लागत से एकीकृत AI सिटी और टाउनशिप विकसित करने की योजना पर हस्ताक्षर किए हैं।
राज्य सरकार की रणनीति शहरी विस्तार को डिजिटल अधोसंरचना और अत्याधुनिक तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र के साथ जोड़ने पर केंद्रित है, जो दीर्घकालिक स्थिरता की तलाश कर रहे वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करती है।
“विजन 2047” — $3 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य
समिट के समापन सत्र में मुख्यमंत्री ने “तेलंगाना राइजिंग 2047 विजन डॉक्युमेंट” जारी किया।
- इस रोडमैप का लक्ष्य है कि राज्य की अर्थव्यवस्था को 2034 तक $1 ट्रिलियन और 2047 तक $3 ट्रिलियन तक पहुंचाया जाए।
- यह विजन NITI Aayog और Indian School of Business के सहयोग से तैयार किया गया है और इसमें समावेशी विकास, शिक्षा सुधार तथा युवाओं को केंद्र में रखने वाले कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है, जिनमें एक प्रस्तावित खेल विश्वविद्यालय भी शामिल है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- कुल निवेश समझौते (MoUs): ₹5.75 लाख करोड़
- Infrakey का AI डेटा सेंटर निवेश: ₹70,000 करोड़
- AGIDC का इंटरनेशनल डेटा सेंटर निवेश: ₹67,500 करोड़
- “विजन 2047” के तहत तेलंगाना का आर्थिक लक्ष्य: $3 ट्रिलियन
कौशल विकास और मानव संसाधन पर ध्यान
समिट में उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने “AI‑driven economy” में व्यावसायिक कौशल की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “ब्लू कॉलर ही नया गोल्ड कॉलर है।”
“यंग इंडिया स्किल्स यूनिवर्सिटी” के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने व्यावसायिक क्षमताओं को सशक्त बनाने पर बल दिया। राज्य की रणनीति मानव-केंद्रित कौशल को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी सबसे बड़ी ताकत मानती है।
इस समिट के माध्यम से तेलंगाना ने न केवल पूंजी निवेश को आकर्षित किया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि वह तकनीक, हरित ऊर्जा और कौशल आधारित विकास में अग्रणी भूमिका निभाने को तैयार है। “तेलंगाना राइजिंग” अब केवल एक नारा नहीं, बल्कि भविष्य के भारत की एक स्पष्ट दृष्टि बन चुका है।