तेलंगाना राइजिंग ग्लोबल समिट: 2047 तक $3 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का रोडमैप
तेलंगाना राइजिंग ग्लोबल समिट की शुरुआत मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी द्वारा प्रस्तुत एक दूरदर्शी आर्थिक दृष्टिकोण के साथ हुई। दो दिवसीय यह आयोजन ‘भारत फ्यूचर सिटी’ में आयोजित हुआ, जिसमें विश्वभर से आए प्रतिनिधियों ने राज्य के दीर्घकालिक आर्थिक विकास की रणनीतियों पर विचार किया। इस पहल का उद्देश्य तेलंगाना को भारत की अर्थव्यवस्था का प्रमुख इंजन बनाना है।
2047 तक $3 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य
मुख्यमंत्री ने ‘तेलंगाना राइजिंग 2047’ नामक आर्थिक योजना का अनावरण किया, जिसके अंतर्गत राज्य को 2034 तक $1 ट्रिलियन और 2047 तक $3 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था में बदलने का लक्ष्य है। यह योजना भारत की जीडीपी में तेलंगाना की हिस्सेदारी को 5% से बढ़ाकर 10% करने का रोडमैप प्रस्तुत करती है। इस नीति को आम नागरिकों, सरकारी विभागों, शिक्षण संस्थानों और नीति निर्माताओं के सहयोग से तैयार किया गया है।
वैश्विक भागीदारी और निवेश पर केंद्रित समिट
समिट में 44 देशों के लगभग 2,000 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया, जिनमें 154 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि शामिल थे। नोबेल पुरस्कार विजेता, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अधिकारी और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के वरिष्ठ प्रतिनिधि भी चर्चा का हिस्सा बने। चर्चा के मुख्य विषयों में निवेश, सतत विकास और नवाचार आधारित प्रगति शामिल रही।
भारत फ्यूचर सिटी: भविष्य का शहरी मॉडल
आयोजन स्थल ‘भारत फ्यूचर सिटी’ स्वयं एक भविष्यवादी दृष्टिकोण का प्रतीक रहा। 30,000 एकड़ में फैली यह प्रस्तावित नगरी एक नेट-ज़ीरो टाउनशिप होगी, जिसमें टेक्नोलॉजी, शिक्षा, स्वास्थ्य और उन्नत उत्पादन के लिए विशेष क्लस्टर तैयार किए जाएंगे। शहर में 40 किमी लंबे मेट्रो विस्तार जैसी कनेक्टिविटी परियोजनाएं इसे वैश्विक निवेश का केंद्र बनाएंगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- तेलंगाना का लक्ष्य है $1 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था 2034 तक और $3 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था 2047 तक बनना।
- ग्लोबल समिट में 44 देशों से लगभग 2,000 प्रतिनिधि शामिल हुए।
- राज्य को तीन आर्थिक क्षेत्रों में बाँटा गया: CURE (सेवा क्षेत्र), PURE (उद्योग) और RARE (कृषि एवं प्रोसेसिंग)।
- भारत फ्यूचर सिटी एक 30,000 एकड़ की नेट-ज़ीरो योजना है जो उच्च तकनीक एवं हरित विकास पर आधारित होगी।
इस समिट ने तेलंगाना को वैश्विक निवेश और आर्थिक सहयोग का केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। राज्य सरकार की यह पहल न केवल आंतरिक विकास को गति देगी, बल्कि भारत को भी वैश्विक आर्थिक मंच पर और अधिक प्रभावशाली बनाएगी।