तेंदुओं के बचाव और पुनर्वास के लिए गुजरात की पीपीपी परियोजना : जानिए महत्वपूर्ण तथ्य

तेंदुओं के बचाव और पुनर्वास के लिए गुजरात की पीपीपी परियोजना : जानिए महत्वपूर्ण तथ्य

हाल ही में गुजरात के वन विभाग ने 12 तेंदुओं को जामनगर में एक निजी बचाव और पुनर्वास केंद्र में स्थानांतरित कर दिया है। इन तेंदुओं को मनुष्यों के साथ संघर्ष के दौरान जंगलों से पकड़ा गया था।

मुख्य बिंदु

यह परियोजना राज्य में इस प्रकार की पहली परियोजना है। इस परियोजना को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और राज्य सरकार के बीच सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत क्रियान्वित किया जा रहा है।

इन तेंदुओं को जूनागढ़ के सक्कर बाग़ जूलॉजिकल पार्क (Sakkar Baug Zoological Park) से जामनगर में स्थित ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहेबिलिटेशन किंगडम में स्थानांतरित किया गया है।

भारत में तेंदुओं की जनगणना

पिछली बार, भारत में तेंदुओं की औपचारिक जनगणना 2014 में की गई थी। इस जनगणना में अनुमान लगाया कि देश में तेंदुओं की आबादी 12,000 से 14,000 के बीच है।

तेंदुओं की संरक्षण स्थिति

तेंदुए भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 में सूचीबद्ध हैं। वे CITES के परिशिष्ट 1 में शामिल हैं। इसके अलावा, तेंदुओं को IUCN की रेड लिस्ट में ‘असुरक्षित’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

तेंदुआ

तेंदुआ एक निशाचर जानवर हैं। सेंटर फॉर वाइल्डलाइफ स्टडीज एंड वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार उनकी आबादी में 75% से 90% की गिरावट आई है। अब तक तेंदुओं की नौ उप-प्रजातियों की पहचान की जा चुकी है।

Originally written on November 30, 2020 and last modified on November 30, 2020.

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