तुवालु बना IUCN का 90वां राज्य सदस्य, जैव विविधता संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक कदम

पैसिफिक महासागर में स्थित छोटे द्वीपीय देश तुवालु ने अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की सदस्यता ग्रहण कर एक महत्वपूर्ण वैश्विक मंच पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। IUCN के अधिनियमों को औपचारिक रूप से स्वीकार करते हुए तुवालु अब 90वां राज्य सदस्य बन गया है। यह कदम न केवल तुवालु की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि जलवायु परिवर्तन से जूझते इस देश के लिए वैश्विक सहयोग के नए द्वार भी खोलता है।
तुवालु की पर्यावरण मंत्रालय अब IUCN सचिवालय के साथ आधिकारिक समन्वय एजेंसी के रूप में कार्य करेगी, जिससे देश की जैव विविधता सुरक्षा और सतत विकास लक्ष्यों को बल मिलेगा।
तुवालु की पारिस्थितिक विशेषता और चुनौतियाँ
तुवालु नौ एटोल और द्वीपों का एक समूह है, जिसकी कुल भूमि क्षेत्रफल मात्र 26 वर्ग किलोमीटर है। परंतु इसका विशेष आर्थिक क्षेत्र लगभग 9 लाख वर्ग किलोमीटर के समुद्री क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें समृद्ध समुद्री जीवन, प्रवाल भित्तियाँ, मछलियों की विविध प्रजातियाँ और प्रवासी समुद्री पक्षियों की आबादी पाई जाती है।
हालांकि, यह देश कई पर्यावरणीय संकटों से जूझ रहा है, जिनमें जलवायु परिवर्तन, समुद्र स्तर में वृद्धि, तटीय कटाव और आक्रामक प्रजातियाँ प्रमुख हैं। ये संकट न केवल देश की प्रकृति बल्कि इसके पारंपरिक जीवन और आजीविका के लिए भी गंभीर खतरा बने हुए हैं।
वैश्विक मंच पर तुवालु की भागीदारी
तुवालु के पर्यावरण मंत्री माननीय मैना ताली ने इस सदस्यता को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा, “हमारे द्वीप सिर्फ निवास स्थान नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और विरासत का केंद्र हैं। हम दुनिया के सबसे जलवायु-संवेदनशील राष्ट्रों में से एक हैं और हमें अपनी नाजुक पारिस्थितिकी को भविष्य के लिए संरक्षित करने की तात्कालिकता का एहसास है।”
IUCN के महासचिव डॉ. ग्रेथेल एगुइलर ने तुवालु का स्वागत करते हुए कहा, “तुवालु की पारंपरिक जीवनशैली और प्रकृति के प्रति उसका गहरा संबंध हमें सिखाता है कि हम प्रकृति के साथ कैसे सामंजस्यपूर्ण जीवन जी सकते हैं।”
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- IUCN (International Union for Conservation of Nature): 1948 में स्थापित यह संगठन प्रकृति और सतत विकास के लिए विश्व का सबसे बड़ा नेटवर्क है।
- तुवालु IUCN का 90वां राज्य सदस्य और ओशिनिया क्षेत्र से 11वां सदस्य बना है।
- तुवालु का विशेष आर्थिक क्षेत्र लगभग 9 लाख वर्ग किमी है, जो इसके भूमि क्षेत्रफल से हजारों गुना बड़ा है।
- IUCN की सदस्यता तुवालु को ग्रीन क्लाइमेट फंड और ग्लोबल एनवायरनमेंट फैसिलिटी जैसे वैश्विक प्रयासों से जोड़ती है।
इस नई सदस्यता के माध्यम से तुवालु अब अपनी राष्ट्रीय जैव विविधता रणनीतियों को सशक्त बना सकेगा, जिसमें जलवायु अनुकूलन, सतत मत्स्य प्रबंधन और समुदाय आधारित संरक्षण प्राथमिकताएँ हैं। यह कदम न केवल तुवालु के लिए, बल्कि जलवायु संकट से जूझ रहे सभी छोटे द्वीपीय देशों के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है।