तिरुपति में ऐतिहासिक सम्मेलन सम्पन्न: ‘तिरुपति संकल्प’ के साथ महिला सशक्तिकरण की नई दिशा

लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज आंध्र प्रदेश के तिरुपति में आयोजित महिला सशक्तिकरण पर पहली राष्ट्रीय संसदीय एवं विधायी समिति सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण केवल सामाजिक ज़रूरत नहीं, बल्कि आर्थिक विकास का मूल आधार है। इस अवसर पर सम्मेलन ने सर्वसम्मति से ‘तिरुपति संकल्प’ को अपनाया, जिसमें महिलाओं के सर्वांगीण विकास हेतु ठोस रणनीतियाँ तय की गईं।

महिला सशक्तिकरण: सामाजिक कल्याण नहीं, राष्ट्र निर्माण की नींव

श्री बिरला ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल और उद्यमिता में निवेश करके भारत मानव संसाधन का विशाल भंडार खोल सकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण और वंचित पृष्ठभूमि से आई महिलाओं ने शिक्षा, उद्यमिता और नेतृत्व के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि अवसर मिलने पर महिलाएं परिवर्तनकारी भूमिका निभा सकती हैं

लोकतंत्र में महिला भागीदारी की भूमिका

अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत में लोकतंत्र केवल राजनीतिक व्यवस्था नहीं, बल्कि सभ्यता आधारित जीवनशैली है। उन्होंने भारत को ‘लोकतंत्र की जननी’ बताते हुए कहा कि समानता, संवाद और सहभागिता हमारे सामाजिक ताने-बाने में गहराई से समाहित हैं।

लिंग-संवेदनशील बजटिंग: न्यायपूर्ण विकास की दिशा में कदम

श्री बिरला ने कहा कि Gender Responsive Budgeting केवल वित्तीय प्रक्रिया नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और समावेशी विकास का उपकरण है। उन्होंने मंत्रालयों और राज्य विभागों में Gender Budget Cells की स्थापना की वकालत की, जिससे महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्यमिता, कौशल और वित्तीय पहुंच को प्राथमिकता मिल सके।
इसके साथ ही, Gender-disaggregated data के माध्यम से परिणामों की निगरानी की आवश्यकता पर भी बल दिया गया।

डिजिटल युग में महिलाओं की भागीदारी

श्री बिरला ने डिजिटल डिवाइड पर चिंता जताते हुए कहा कि महिलाओं को तकनीकी युग में पीछे नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने साइबर सुरक्षा, डिजिटल साक्षरता और STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) में महिला भागीदारी बढ़ाने की अपील की।
उन्होंने डिजिटल साक्षरता अभियानों को बालिका शिक्षा जैसी पहलों की तर्ज पर चलाने का सुझाव दिया ताकि महिलाएं ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में भागीदार बन सकें।

‘तिरुपति संकल्प’: महिला सशक्तिकरण के लिए स्पष्ट रोडमैप

इस ऐतिहासिक सम्मेलन में पारित तिरुपति संकल्प में निम्नलिखित मुख्य बिंदुओं पर सहमति बनी:

  • सभी मंत्रालयों और विभागों में लिंग दृष्टिकोण को अपनाना
  • महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल और उद्यमिता के लिए आवंटन बढ़ाना
  • लिंग-संवेदनशील बजटिंग को संस्थागत रूप देना
  • तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करना
  • डिजिटल डिवाइड को पाटना और साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करना
  • महिलाओं की STEM क्षेत्रों में भागीदारी को प्रोत्साहित करना
  • महिलाओं को तकनीक की निर्माता बनाना

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • तिरुपति संकल्प महिला सशक्तिकरण के लिए पारित पहला संसदीय और विधायी दस्तावेज़ है।
  • Gender Responsive Budgeting पहली बार भारत में 2005-06 के केंद्रीय बजट में प्रस्तुत हुआ था।
  • STEM क्षेत्र में भारत में महिला भागीदारी अभी भी वैश्विक औसत से कम है, जिसे इस संकल्प के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा।
  • लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने महिलाओं के लिए डिजिटल साक्षरता मिशन शुरू करने की सिफारिश की।

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