तिरुनागेश्वरम मंदिर, तमिलनाडू

तिरुनागेश्वरम मंदिर, तमिलनाडू

तिरुनागेश्वरम मंदिर अपने मंदिर के लिए जाना जाता है, जो कि नौ आकाशीय निकायों में से एक है। कावेरी नदी के दक्षिण में स्थित तेवरा स्थलम की श्रृंखला में यह 29 वाँ स्थान है। कुंदंडई कीझकोटम (नागेश्वर मंदिर) में सुबह पूजा करना, दोपहर में तिरुनागेश्वरम में और शाम को तिरुपतिपुरम में पूजा करना विशेष महत्व माना जाता है।

किंवदंती: पौराणिक नागों अदि शेषन, दक्ष और कर्कोटक ने शिव की पूजा की थी। यहां भी नाला शिव की पूजा करता है। गौतम मुनि, पराशर और भागीरता भी इस मंदिर से जुड़े हैं।

मंदिर: यह मंदिर 15 एकड़ में बसा है और इसमें बड़े-बड़े स्तोत्रम्, विशाल गोपुरम और कई मंडप हैं। किले की तरह चारों ओर बाहरी प्राकरम में चार प्रवेश द्वार हैं। यहां 12 थेर्थम हैं। यहाँ उनके द्वारा निर्मित सेक्ज़ीझार और मण्डपम की एक छवि है। इस मंदिर का निर्माण परंतक चोल प्रथम के पुत्र गंदरादित्य चोल ने करवाया था। भीतरी मंडपम और बाहरी मंडपों का निर्माण अच्युतप्पा नानककर के मंत्री सेक्किझार और गोविंदा देकशीथर द्वारा किया गया था।

राहु तीर्थस्थल प्रणामों में से एक है। पीरियानी नडालालाल अम्बाल तीर्थ नगानाथार तीर्थ के पास आंतरिक मंडपम में है, जबकि गिरिकुचाम्बिका तीर्थ एक अलग गर्भगृह में स्थित है।

त्यौहार: वार्षिक ब्रह्मोत्सव कार्तिकेय के महीने में मनाया जाता है जबकि सेक्किझर त्योहार वैकसी के महीने में मनाया जाता है।

Originally written on April 16, 2019 and last modified on April 16, 2019.

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