‘तिरंगा रैली’ के साथ ‘फिट इंडिया संडेज़ ऑन सायकल’ का 25वां संस्करण: फिटनेस और देशभक्ति का संगम

1 जून, रविवार की सुबह देश ने ‘फिट इंडिया संडेज़ ऑन सायकल’ के 25वें संस्करण के रूप में तिरंगा सायकल रैली का भव्य आयोजन देखा। इस आयोजन को भारतीय सेना और “ऑपरेशन सिंदूर” के वीर सैनिकों को समर्पित किया गया। नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम सहित देश भर के शहरों में 15,000 से अधिक साइकिल सवारों ने इसमें भाग लिया।
खेल जगत और सितारों की मौजूदगी
इस आयोजन में केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने भाग लिया, उनके साथ ओलंपियन योगेश्वर दत्त, पूर्व क्रिकेटर सबा करीम, पहलवान सरिता मोर, अभिनेत्री शारवरी और भारतीय साइक्लिंग टीम शामिल रही। शारवरी को ‘यंग फिट इंडिया आइकन’ का खिताब भी दिया गया। यह रैली कई खेल हस्तियों की उपस्थिति में राष्ट्र की रक्षा में लगे जवानों के सम्मान में निकाली गई।
फिटनेस और पर्यावरण के लिए नई पहल
इस आयोजन में ‘फिट इंडिया न्यूज़लेटर’ और फिट इंडिया मोबाइल ऐप में ‘कार्बन क्रेडिट फीचर’ की शुरुआत भी हुई। यह फीचर नियमित साइक्लिंग से पर्यावरण को होने वाले लाभ यानी कार्बन क्रेडिट को ट्रैक करेगा। अब लोग अपनी गति (7 से 34 किमी प्रति घंटे) और दूरी के आधार पर इन क्रेडिट्स को देख सकेंगे।
देशव्यापी जागरूकता और सहभागिता
अगर्तला, रोहतक, वाराणसी, देहरादून, सोंपत और बेंगलुरु जैसे शहरों में भी यह रैली आयोजित हुई। कई राज्यों के खेल मंत्री और SAI के खिलाड़ी इसमें शामिल हुए। इन आयोजनों के जरिए हर आयु वर्ग के लोगों को शारीरिक सक्रियता के महत्व से जोड़ा गया।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- ‘फिट इंडिया संडेज़ ऑन सायकल’ की शुरुआत 2024 में हुई थी।
- अब तक यह 5,000 से अधिक स्थानों पर आयोजित हो चुका है, जिसमें 3 लाख से अधिक लोग भाग ले चुके हैं।
- फिट इंडिया ऐप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति इसमें पंजीकरण कर भाग ले सकता है।
- Khelo India और SAI केंद्रों में Zumba, योगा, रोप स्किपिंग और हेल्थ चेकअप जैसी गतिविधियाँ भी जुड़ी हुई हैं।
- NFHS-5 के अनुसार, भारत में 24% महिलाएं और 23% पुरुष मोटापे से ग्रस्त हैं।
भारत में बढ़ते मोटापे और शारीरिक निष्क्रियता की चुनौती के बीच, यह पहल न केवल फिटनेस के प्रति जागरूकता फैला रही है बल्कि देश के लिए कुछ कर दिखाने की भावना को भी बल दे रही है। तिरंगा रैली न केवल एक स्वास्थ्य अभियान है, बल्कि यह हर भारतीय को अपने सैनिकों के प्रति आभार व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम भी है।