तालिबान सरकार का कुनर नदी पर बांध निर्माण का निर्णय: पाकिस्तान के साथ जल विवाद की नई कड़ी
अफगानिस्तान की तालिबान-नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान के साथ हालिया सीमा संघर्षों के कुछ ही दिनों बाद कुनर नदी पर बांध निर्माण शुरू करने की घोषणा की है। यह नदी पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में बहती है और दोनों देशों के बीच जल-साझेदारी का एक अहम स्रोत मानी जाती है। तालिबान के इस कदम से पाकिस्तान में जल प्रवाह पर असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।
तालिबान का आदेश और बांध निर्माण की योजना
अफगान उप सूचना एवं संस्कृति मंत्री मुहाजिर फराही ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (X) पर जानकारी दी कि तालिबान सुप्रीम लीडर हिबतुल्लाह अखुंदजादा ने कुनर नदी पर बांधों के निर्माण का आदेश दिया है। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि परियोजना को जल्द से जल्द शुरू किया जाए और विदेशी ठेकेदारों का इंतजार न करते हुए स्थानीय अफगान कंपनियों के साथ समझौते किए जाएं।
अफगान जल एवं ऊर्जा मंत्री अब्दुल लतीफ मंसूर ने कहा कि अफगानिस्तान को अपने जल संसाधनों का प्रबंधन करने और उपयोग करने का पूरा अधिकार है। तालिबान प्रशासन इस परियोजना को देश की आत्मनिर्भरता और आर्थिक स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देख रहा है।
सीमा संघर्ष और युद्धविराम की कोशिशें
तालिबान सरकार का यह निर्णय उस समय आया है जब अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच हाल ही में तीव्र सीमा संघर्ष हुआ था। इस झड़प के बाद क़तर और तुर्की की मध्यस्थता में दोहा में हुई वार्ता के दौरान दोनों देशों ने तत्काल युद्धविराम पर सहमति जताई। क़तर के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए आगे भी वार्ताएं जारी रखने का वादा किया है।
हालांकि युद्धविराम से अस्थायी राहत मिली है, लेकिन तालिबान का जल संसाधनों पर नियंत्रण बढ़ाने का प्रयास पाकिस्तान के लिए नई रणनीतिक चुनौती बन सकता है।
भारत-पाकिस्तान जल विवाद से समानता
दिलचस्प बात यह है कि तालिबान का यह कदम उस समय आया है जब भारत ने भी पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) को निलंबित कर दिया है। यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच तीन पश्चिमी नदियों के जल-वितरण से संबंधित थी। भारत ने यह निर्णय अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद लिया था, जिसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या की थी।
इस प्रकार, अफगानिस्तान और भारत—दोनों देशों के हालिया कदमों से यह स्पष्ट होता है कि दक्षिण एशिया में जल कूटनीति (Water Diplomacy) अब भू-राजनीतिक शक्ति का नया केंद्र बन रही है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- कुनर नदी लगभग 480 किलोमीटर लंबी है और यह अफगानिस्तान के पूर्वी भाग से निकलकर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में प्रवेश करती है।
- यह नदी हिंदू कुश पर्वतों की बर्फ और ग्लेशियरों से पोषित होती है।
- कुनर नदी सिंधु नदी तंत्र का हिस्सा है, जो पाकिस्तान की जल आवश्यकताओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच अब तक किसी औपचारिक जल संधि पर हस्ताक्षर नहीं हुए हैं, जिससे जल विवाद की संभावना बनी रहती है।