ताइवान लिथुआनिया में “ताइवान” नाम के साथ अपना पहला कार्यालय स्थापित करेगा

“ताइवान” नाम का उपयोग करते हुए, ताइवान की सरकार लिथुआनिया में अपना पहला कार्यालय स्थापित करेगी। ताइवान सरकार यह निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि वह बीजिंग के लगातार बढ़ते दबाव के साथ दुनिया भर में अपनी राजनयिक उपस्थिति को मजबूत करना चाहती है।
मुख्य बिंदु
- चीन ने इस फैसले की कड़ी निंदा है, जबकि अमेरिका ने इसकी प्रशंसा की थी।
- ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू ने लिथुआनिया में अपना कार्यालय खोलने के सरकार के फैसले की घोषणा की।
- महाद्वीप पर ताइवान की अन्य राजनयिक चौकियों का नाम “ताइपेई” (Taipei) है।
- बीजिंग के ताइवान मामलों के कार्यालय ने बयान जारी कर कहा है कि लिथुआनिया कार्यालय का गठन स्वतंत्रता प्राप्त करने का एक प्रयास है। चीन ने लिथुआनिया से चीन के एक-चीन सिद्धांत (One-China Principle) का पालन करने का भी आग्रह किया है।
ताइवान (Taiwan)
चीन ने ताइवान और अन्य देशों के बीच किसी भी औपचारिक संबंध का हमेशा कड़ा विरोध किया है। ताइवान पूर्वी एशिया का एक देश है और इसकी राजधानी ताइपेई है। चीन अपनी एक-चीन नीति के तहत ताइवान पर अपना प्रांत होने का दावा करता है और इसे आधिकारिक तौर पर चीन गणराज्य के रूप में जाना जाता है।