तमिलनाडु पेरियार की जयंती को सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मनाएगा

तमिलनाडु सरकार ने सुधारवादी नेता ई.वी. रामासामी पेरियार (E.V. Ramasamy Periyar) की जयंती “सामाजिक न्याय दिवस” (Social Justice Day) मनाने का फैसला किया है।

मुख्य बिंदु 

  • ई.वी. रामासामी पेरियार का जन्म 17 सितंबर को हुआ था। इस दिन को अब हर साल ‘सामाजिक न्याय दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
  • पेरियार की विचारधारा सामाजिक न्याय, समानता, आत्म-सम्मान और तर्कवाद के बारे में थी। इसने पिछली शताब्दी के दौरान तमिल समाज के विकास की आधारशिला रखी।ये विचारधाराएँ भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त करेंगी।

हर साल 17 सितंबर को सभी सरकारी कार्यालयों और राज्य सचिवालय के कर्मचारी समानता, भाईचारे, स्वाभिमान और तर्कवाद जैसे उच्च आदर्शों के आधार पर मूल्यों का पालन करने का संकल्प लेंगे।

ई.वी. पेरियार का योगदान

मुख्यमंत्री के अनुसार, तमिल समाज के लिए पेरियार की सेवाएं पहले संवैधानिक संशोधन अधिनियम के अधिनियमन में महत्वपूर्ण  थीं, जिसने पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की रक्षा की।

इरोड वेंकटप्पा रामासामी पेरियार (Erode Venkatappa Ramasamy Periyar)

उन्हें आमतौर पर पेरियार या थान्थाई पेरियार के नाम से जाना जाता था। वह एक भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने Self-Respect Movement और द्रविड़ कड़गम शुरू किया और उन्हें ‘द्रविड़ आंदोलन के पिता’ के रूप में जाना जाता है।

 

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