तमिलनाडु खिलौना विनिर्माण नीति 2025: नए निवेश और स्वदेशी नवाचार की दिशा में कदम

तमिलनाडु खिलौना विनिर्माण नीति 2025: नए निवेश और स्वदेशी नवाचार की दिशा में कदम

तमिलनाडु सरकार ने “खिलौना विनिर्माण नीति 2025” की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य राज्य में निवेश आकर्षित करना और खिलौना उद्योग को एक उभरते हुए विनिर्माण क्षेत्र के रूप में विकसित करना है। मदुरै में आयोजित तमिलनाडु निवेश सम्मेलन के दौरान जारी की गई इस नीति का लक्ष्य राज्य को उन्नत एवं इलेक्ट्रो-मैकेनिकल खिलौनों के निर्माण का प्रमुख केंद्र बनाना है।

नीति की दृष्टि और निवेश मानदंड

तमिलनाडु औद्योगिक नीति 2021 के अंतर्गत खिलौना निर्माण को एक “सनराइज सेक्टर” के रूप में पहचाना गया है। नई इकाइयाँ या विस्तार परियोजनाएँ, जो ₹50 करोड़ से अधिक का निवेश करती हैं और कम से कम 50 रोजगार सृजित करती हैं, उन्हें विशेष प्रोत्साहन पैकेज का लाभ मिलेगा। निवेश प्रतिबद्धताओं को तीन वर्षों की मानक अवधि में पूरा करना आवश्यक होगा ताकि पात्रता बनी रहे।

जिला आधारित सब्सिडी संरचना

राज्य ने निवेश स्थान के आधार पर सब्सिडी दरों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है। ए श्रेणी के जिलों में परियोजनाओं को पाँच वर्षों तक 7% की स्थिर पूंजी सब्सिडी मिलेगी। बी श्रेणी के जिलों में यह दर 10% और सी श्रेणी के जिलों में 12% रहेगी, जो दस वर्षों की अवधि में वितरित की जाएगी। बी और सी जिलों में ₹300 करोड़ या अधिक के निवेश वाले उद्योग “संरचित सहायता पैकेज” (Structured Package of Assistance) के अंतर्गत पात्र होंगे। सब्सिडी राशि का वितरण इकाई के परिचालन शुरू होने और निवेश प्रतिबद्धताओं की पूर्ति के पश्चात वार्षिक रूप से किया जाएगा।

प्रोत्साहन विकल्पों में लचीलापन

कंपनियों को दो विकल्प दिए गए हैं — “खिलौना निर्माण के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज” या “सनराइज सेक्टर के लिए विशेष प्रोत्साहन”। निवेशक अपनी इकाई के पैमाने, स्थान और रणनीतिक आवश्यकताओं के अनुरूप किसी एक योजना का चयन कर सकेंगे। यह दोहरा ढांचा उद्योगों को अधिक लचीलापन प्रदान करता है।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • नीति का शुभारंभ: तमिलनाडु निवेश सम्मेलन, मदुरै (2025)
  • क्षेत्र की पहचान: तमिलनाडु औद्योगिक नीति 2021 के तहत “सनराइज सेक्टर”
  • न्यूनतम निवेश: ₹50 करोड़ और 50 रोजगार
  • सब्सिडी दरें: 7% (A जिला), 10% (B जिला), 12% (C जिला)
  • डिज़ाइन स्टूडियो के लिए पेरोल सब्सिडी: 30% (₹10,000 प्रतिमाह तक, 12 माह के लिए)

डिज़ाइन, प्रशिक्षण और पारंपरिक खिलौना क्लस्टरों को सहयोग

नीति में प्रशिक्षण और डिज़ाइन कौशल विकास के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। खिलौना डिज़ाइन या अनुसंधान पर केंद्रित क्रिएटिव डिज़ाइन स्टूडियो को नए तमिलनाडु नियुक्त कर्मचारियों के लिए 30% पेरोल सब्सिडी मिलेगी, जो प्रति कर्मचारी ₹10,000 प्रतिमाह तक सीमित होगी। साथ ही, एमएसएमई विभाग पारंपरिक कारीगरों के उत्पादों को प्रमुख ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लाने में सहायता करेगा।
इसके अतिरिक्त, भौगोलिक संकेतक (GI) पहचान को बढ़ावा देने के लिए खिलौना क्लस्टरों को प्रति श्रेणी ₹3 लाख तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी।

Originally written on December 8, 2025 and last modified on December 8, 2025.

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