तमिलनाडु का TN-SHORE मिशन: समुद्री जैवविविधता की रक्षा और तटीय पुनर्स्थापन की दिशा में ऐतिहासिक पहल

तमिलनाडु सरकार ने तटीय पारिस्थितिकी तंत्र की मजबूती और समुद्री जैवविविधता की सुरक्षा के लिए ‘तमिलनाडु कोस्टल रेस्टोरेशन मिशन’ (TN-SHORE) की शुरुआत की है। यह ₹1,675 करोड़ की महत्वाकांक्षी परियोजना विश्व बैंक के सहयोग से संचालित हो रही है, जिसमें ₹1,000 करोड़ की राशि विश्व बैंक से और शेष राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। इस मिशन को सितंबर 2025 में स्वीकृति प्राप्त हुई।
ग्राम स्तर पर मैंग्रोव पुनर्स्थापन की नई रणनीति
TN-SHORE परियोजना का सबसे महत्त्वपूर्ण पक्ष है मैंग्रोव वनों की बहाली और संवर्धन। इसके तहत ग्राम मैंग्रोव समितियों (Village Mangrove Councils) को सीधे विश्व बैंक से वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। यह समितियाँ स्थानीय नागरिकों से गठित होंगी, जिसमें एक समुदाय सदस्य अध्यक्ष और फॉरेस्ट रेंज अधिकारी सचिव होंगे।
इस पहल का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर पारदर्शी और लचीला वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित करना है, जिससे मैंग्रोव पुनर्स्थापन में समुदाय की सक्रिय भागीदारी बढ़ सके। ₹8 लाख तक की राशि बिना निविदा प्रक्रिया के वितरित की जा सकेगी, और इसके लिए ₹38 करोड़ की प्रारंभिक राशि चिन्हित की गई है।
पारिस्थितिकी और आजीविका दोनों का संरक्षण
TN-SHORE का लक्ष्य 30,000 हेक्टेयर समुद्री परिदृश्य (seascapes) को पुनर्स्थापित करना है। इसके तहत 1,000 हेक्टेयर क्षेत्र में मैंग्रोव बहाली की जाएगी — 300 हेक्टेयर में नए वृक्षारोपण और 700 हेक्टेयर में पहले से मौजूद परंतु क्षतिग्रस्त मैंग्रोव वनों का पुनर्वास।
यह परियोजना न केवल पर्यावरणीय सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि संकटग्रस्त प्रजातियों जैसे कछुए और डुगोंग्स की रक्षा, सतत पर्यटन, और प्लास्टिक कचरा प्रबंधन जैसी गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- TN-SHORE मिशन की कुल लागत: ₹1,675 करोड़
- विश्व बैंक से योगदान: ₹1,000 करोड़
- मैंग्रोव बहाली का लक्ष्य: 1,000 हेक्टेयर (300 हेक्टेयर नए, 700 हेक्टेयर क्षतिग्रस्त)
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तमिलनाडु में कुल मैंग्रोव क्षेत्र: 41.9 वर्ग किलोमीटर
- बहुत घने क्षेत्र: 1.19 वर्ग किमी
- मध्यम घने: 25.07 वर्ग किमी
- खुले मैंग्रोव: 15.65 वर्ग किमी
- मैंग्रोव संरक्षण हेतु कानूनी उपाय: रिजर्व फॉरेस्ट घोषित करने की योजना