डोपिंग मामलों में भारत बना विश्व का शीर्ष देश: WADA रिपोर्ट ने उजागर की गंभीर चुनौतियां
विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) की नवीनतम रिपोर्ट में भारत को लगातार तीसरे वर्ष विश्व में डोपिंग उल्लंघनों के मामले में शीर्ष स्थान पर रखा गया है। यह चिंताजनक स्थिति ऐसे समय में सामने आई है जब भारत आने वाले वर्षों में कॉमनवेल्थ गेम्स और ओलंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों की मेज़बानी की दिशा में प्रयासरत है।
WADA रिपोर्ट और प्रमुख आंकड़े
2024 में भारत के एथलीटों के खिलाफ कुल 260 डोपिंग मामले दर्ज किए गए, जो किसी भी देश द्वारा दर्ज किए गए मामलों में सर्वाधिक हैं। यह आंकड़े “एडवर्स एनालिटिकल फाइंडिंग्स” (AAF) के रूप में सामने आए हैं, जिससे भारत का डोपिंग पॉजिटिविटी रेट 3.6% रहा। यह दर उन सभी देशों में सबसे अधिक है जिन्होंने वर्ष भर में 5,000 से अधिक डोपिंग परीक्षण किए।
यह रिपोर्ट WADA की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित हुई है और यह भारत की डोपिंग निगरानी में लगातार शीर्ष पर रहने की पुष्टि करती है।
परीक्षण आंकड़े और NADA की भूमिका
भारत की राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (NADA) ने 2024 में कुल 7,113 परीक्षण किए, जिनमें 6,576 यूरिन और 537 रक्त सैंपल शामिल थे। इनमें से 253 यूरिन और 7 रक्त नमूने पॉजिटिव पाए गए। NADA ने इस वृद्धि का कारण अपने अधिक सघन और व्यापक परीक्षण कार्यक्रम को बताया है। वर्ष 2023 में 5,606 सैंपल में 213 पॉजिटिव केस सामने आए थे, जिससे स्पष्ट है कि जांच और उल्लंघनों में तेज़ी से वृद्धि हुई है।
वैश्विक तुलना और खेलों पर प्रभाव
अंतरराष्ट्रीय तुलना में भारत की स्थिति अधिक चिंताजनक है। फ्रांस ने 11,744 परीक्षणों में 91 उल्लंघन, रूस ने 10,514 में 76 और चीन ने 24,000 से अधिक सैंपलों में केवल 43 पॉजिटिव केस दर्ज किए। अमेरिका ने भारत की तुलना में कम परीक्षण किए, परंतु उसका पॉजिटिविटी रेट केवल 1.1% रहा।
ये आंकड़े भारतीय खेल तंत्र में प्रणालीगत कमज़ोरियों की ओर संकेत करते हैं, विशेष रूप से प्रशिक्षण, पोषण और जागरूकता के स्तर पर।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत में 2024 में कुल 260 डोपिंग मामले दर्ज किए गए, जो विश्व में सर्वाधिक हैं।
- पॉजिटिविटी रेट 3.6% रहा — सभी प्रमुख देशों में सबसे ऊंचा।
- NADA ने वर्ष भर में 7,113 परीक्षण किए, जिनमें से 260 पॉजिटिव निकले।
- WADA (वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी) हर वर्ष वैश्विक डोपिंग रिपोर्ट प्रकाशित करती है।
भारत के खेली भविष्य पर प्रभाव
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब भारत 2030 के कॉमनवेल्थ गेम्स की मेज़बानी और 2036 के ओलंपिक के लिए दावेदारी को लेकर गंभीर है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) पहले ही भारत में डोपिंग की स्थिति को लेकर चिंता जता चुकी है।
हालांकि भारत सरकार ने डोपिंग विरोधी कानून बनाए हैं और स्वतंत्र पैनल भी गठित किए हैं, लेकिन यह रिपोर्ट स्पष्ट करती है कि खेल क्षेत्र में व्यापक सुधार की आवश्यकता है। इसमें खिलाड़ियों को वैज्ञानिक सहायता, पोषण संबंधी परामर्श, और डोपिंग जागरूकता कार्यक्रमों को मजबूत करना अनिवार्य हो गया है।
यदि भारत को वैश्विक खेल मंच पर सम्मानजनक और स्थायी उपस्थिति बनानी है, तो डोपिंग नियंत्रण के मोर्चे पर गंभीर और त्वरित कदम उठाने होंगे।