डॉ. राजीव रंजन की नियुक्ति से न्यू डेवलपमेंट बैंक में भारत की भूमिका मजबूत

ब्रिक्स देशों—ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका—द्वारा स्थापित न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) ने डॉ. राजीव रंजन को उपाध्यक्ष और मुख्य जोखिम अधिकारी (Chief Risk Officer) के रूप में पांच वर्ष के कार्यकाल के लिए नियुक्त किया है। इस नियुक्ति के साथ भारत की वैश्विक वित्तीय संस्थानों में भागीदारी को एक नई दिशा मिली है।

डॉ. राजीव रंजन का अनुभव और योगदान

डॉ. रंजन ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) में 1989 में अपना करियर शुरू किया और हाल ही में मई 2022 से कार्यकारी निदेशक तथा मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee) के सदस्य के रूप में कार्य किया। इस भूमिका में उन्होंने देश की मौद्रिक और तरलता नीति को आकार देने में अहम भूमिका निभाई।
उन्होंने G20, IMF, विश्व बैंक, बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS), फाइनेंशियल स्टेबिलिटी बोर्ड (FSB), OECD, सार्क और वैश्विक दक्षिण के केंद्रीय बैंकों के साथ गहरा अनुभव हासिल किया है। उनके व्यापक अनुभव के चलते NDB ने उन्हें बैंक के जोखिम प्रबंधन के लिए एक उपयुक्त नेता के रूप में चुना है।

भारत की NDB में बढ़ती भागीदारी

भारत न्यू डेवलपमेंट बैंक का एक संस्थापक सदस्य होने के साथ-साथ इसका दूसरा सबसे बड़ा परियोजना भागीदार भी है। वर्तमान में NDB भारत में $7.5 बिलियन की परियोजनाओं का संचालन कर रहा है, जो चीन के $8.1 बिलियन के बाद दूसरे स्थान पर है।
भारत में NDB के माध्यम से वित्तपोषित प्रमुख क्षेत्रों में शामिल हैं:

  • परिवहन अवसंरचना (जैसे मेट्रो रेल)
  • स्वच्छ ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता
  • जल और स्वच्छता प्रबंधन
  • पर्यावरण संरक्षण
  • डिजिटल अवसंरचना

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में NDB से आग्रह किया था कि वह वैश्विक दक्षिण (Global South) में विकास के लिए निजी पूंजी को ‘अनलॉक’ करे। उन्होंने बहुपक्षीय विकास बैंकों की ऋण देने की नीतियों में सुधार की आवश्यकता पर भी बल दिया ताकि वे अधिक समावेशी और न्यायसंगत हो सकें।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • न्यू डेवलपमेंट बैंक की स्थापना ब्रिक्स देशों द्वारा 2015 में की गई थी।
  • डॉ. राजीव रंजन RBI में 30 से अधिक वर्षों तक कार्यरत रहे हैं और MPC के सदस्य रह चुके हैं।
  • भारत की NDB के साथ कुल परियोजना साझेदारी $7.5 बिलियन है, जो चीन के बाद दूसरे स्थान पर है।
  • NDB मुख्य रूप से बुनियादी ढांचा विकास, स्वच्छ ऊर्जा और डिजिटल परियोजनाओं के लिए वित्त प्रदान करता है।

अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंध और प्रभाव

हाल ही में अमेरिका द्वारा भारत से आयातित वस्तुओं पर 50% तक की शुल्क दरें लागू की गई हैं, जिससे द्विपक्षीय व्यापार संबंधों में खटास आई है। हालांकि भारत सरकार का मानना है कि यह स्थिति अस्थायी है और भारतीय निर्यात पर इसका असर सीमित होगा।
भारत ने ब्रिटेन, यूरोपीय देशों और अन्य साझेदारों के साथ व्यापार समझौते किए हैं ताकि अमेरिका पर निर्भरता कम की जा सके। इसके अतिरिक्त, देश में हुए हालिया टैक्स सुधार और नियामकीय सरलीकरण से विदेशी निवेश को आकर्षित करने में सहायता मिलेगी।
डॉ. राजीव रंजन की नियुक्ति और भारत की वैश्विक स्तर पर रणनीतिक आर्थिक भागीदारी दर्शाती है कि देश अब केवल एक उभरती अर्थव्यवस्था नहीं, बल्कि वैश्विक वित्तीय नेतृत्व का भी अहम हिस्सा बन चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *