डीज़ल में 10% आइसोब्यूटानॉल मिश्रण की संभावना पर काम कर रहा ARAI: नितिन गडकरी

भारत में जैवईंधन की संभावनाओं को नया विस्तार देते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की है कि ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) डीज़ल में 10% आइसोब्यूटानॉल मिलाने की संभावना की जांच कर रहा है। यह पहल पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता को कम करने और किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के उद्देश्य से की जा रही है।

डीज़ल में इथेनॉल मिश्रण के असफल परीक्षण के बाद नई दिशा

गुरुवार को इंडिया शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) के वार्षिक सम्मेलन में गडकरी ने कहा कि डीज़ल में 10% इथेनॉल मिश्रण का परीक्षण सफल नहीं रहा। इसके बाद अब आइसोब्यूटानॉल के साथ मिश्रण की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। इसके साथ-साथ इस यौगिक के एकल उपयोग (standalone use) पर भी विचार किया जा रहा है।
आइसोब्यूटानॉल एक ज्वलनशील अल्कोहलिक यौगिक है, जिसका प्रयोग पेंट और कोटिंग जैसे उद्योगों में होता है। इसका ईंधन के रूप में उपयोग संभावित रूप से न केवल पर्यावरण के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है, बल्कि किसानों के लिए आय का नया स्रोत भी बन सकता है।

किसानों के लिए जैवईंधन का आर्थिक लाभ

गडकरी ने बताया कि मक्का से इथेनॉल उत्पादन की योजना सफल रही है, जिससे किसानों को ₹42,000 करोड़ से अधिक की आय हुई है। मक्का की कीमतें ₹1,200 प्रति क्विंटल से बढ़कर ₹2,600-2,800 प्रति क्विंटल तक पहुंच गई हैं। इसके अलावा, ट्रैक्टर और कृषि उपकरण निर्माताओं ने हाल ही में सीएनजी और आइसोब्यूटानॉल के फ्लेक्स फ्यूल संयोजन की संभावनाएं तलाशने में रुचि दिखाई है।

जैवईंधन के निर्यात की दिशा में सुझाव

उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जैवईंधन उत्पादकों से उत्पादन बढ़ाने और वैश्विक बाजार में निर्यात के अवसर तलाशने का आह्वान किया। ISMA के अध्यक्ष गौतम गोयल ने सरकार से गन्ने की लागत बढ़ने के मद्देनज़र फेयर एंड रेम्यूनरेटिव प्राइस (FRP) को संशोधित करने और आगामी चीनी सीजन 2025-26 के लिए निर्यात कोटा बढ़ाने की मांग की।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • ARAI डीज़ल में 10% आइसोब्यूटानॉल मिश्रण की संभावना पर शोध कर रहा है।
  • आइसोब्यूटानॉल एक ज्वलनशील अल्कोहलिक यौगिक है, जिसका उपयोग आमतौर पर सॉल्वेंट के रूप में होता है।
  • मक्का आधारित इथेनॉल से किसानों को ₹42,000 करोड़ से अधिक की आय हुई है।
  • 2025-26 चीनी सीजन में 349 लाख टन चीनी उत्पादन की संभावना है — यह 2024-25 के मुकाबले अधिक है।
  • महाराष्ट्र और कर्नाटक में अनुकूल मानसून और अच्छी फसल वृद्धि से उत्तम पैदावार की उम्मीद है।

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