डीएनए आधारित नई गणना में भारत के हाथियों की संख्या में गिरावट दर्ज

भारत में हाथियों की आबादी को लेकर हाल ही में जारी हुई ‘ऑल इंडिया सिंक्रोनस एलीफैंट एस्टिमेशन (SAIEE) 2025’ रिपोर्ट ने वन्यजीव संरक्षण को लेकर नई चिंताएं पैदा की हैं। वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (WII) द्वारा जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, देश में वर्तमान में 22,446 जंगली हाथी हैं, जो कि 2017 की गिनती से लगभग 17% कम है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि दोनों आंकड़ों की प्रत्यक्ष तुलना नहीं की जा सकती, क्योंकि इस बार गिनती पारंपरिक दृष्टि आधारित नहीं, बल्कि उन्नत जेनेटिक तकनीक से की गई है।
भारत की पहली डीएनए आधारित हाथी गणना
SAIEE 2025 भारत की पहली डीएनए आधारित हाथी गणना है। यह सर्वेक्षण पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, प्रोजेक्ट एलीफैंट और WII के संयुक्त प्रयास से किया गया। वैज्ञानिकों ने पूरे देश में हाथियों के प्राकृतिक आवासों में 6.7 लाख किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करते हुए 21,056 मल नमूने एकत्र किए। डीएनए फिंगरप्रिंटिंग तकनीक से 4,065 विशिष्ट हाथियों की पहचान की गई और ‘मार्क-रीकैप्चर मॉडल’ के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर अनुमानित संख्या निकाली गई। यह विधि पहले बाघों की गिनती में भी सफलतापूर्वक इस्तेमाल की जा चुकी है।
हाथियों की संख्या में गिरावट के कारण
रिपोर्ट में हाथियों की घटती संख्या के पीछे कई प्रमुख कारण बताए गए हैं, जिनमें सबसे अहम है प्राकृतिक आवास का सिकुड़ना और पारंपरिक गलियारों का अवरोध। विकास परियोजनाओं और शहरी विस्तार के चलते हाथी मानव बस्तियों की ओर बढ़ने को मजबूर हो रहे हैं, जिससे करंट लगने, ट्रेन दुर्घटनाओं और मानव-हाथी संघर्ष जैसी घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके चलते न केवल हाथियों की मौत हो रही है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए भी खतरा बढ़ रहा है।
राज्यवार हाथी आबादी की स्थिति
देश के विभिन्न क्षेत्रों में हाथियों की संख्या में असमानता देखी गई है। पश्चिमी घाट क्षेत्र अब भी सबसे बड़ा हाथी आवास है, जहां 11,934 हाथी हैं। इसके बाद पूर्वोत्तर की पहाड़ियां और ब्रह्मपुत्र का मैदानी क्षेत्र आता है जहां 6,559 हाथी हैं। शिवालिक पहाड़ियों और गंगा के मैदानी इलाकों में 2,062 और मध्य भारत तथा पूर्वी घाटों में 1,891 हाथी मौजूद हैं।
राज्यवार बात करें तो कर्नाटक में सबसे अधिक 6,013 हाथी पाए गए, इसके बाद असम (4,159), तमिलनाडु (3,136), केरल (2,785), और उत्तराखंड (1,792) हैं। वहीं, मध्य प्रदेश (97) और महाराष्ट्र (63) जैसे राज्यों में हाथियों की संख्या काफी कम और खंडित रूप में है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भारत में दुनिया के शेष एशियाई हाथियों का 60% से अधिक हिस्सा निवास करता है।
- SAIEE 2025 रिपोर्ट देश की पहली जेनेटिक (डीएनए आधारित) हाथी गणना है।
- गिनती के लिए 6.7 लाख किमी जंगल क्षेत्रों में 21,056 मल के नमूने इकट्ठा किए गए।
- कर्नाटक भारत का हाथी आबादी वाला अग्रणी राज्य है, जहां 6,013 हाथी हैं।