डिजिटल युग में व्यक्तित्व अधिकार: सेलिब्रिटीज़ की सुरक्षा बनाम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

डिजिटल युग में व्यक्तित्व अधिकार: सेलिब्रिटीज़ की सुरक्षा बनाम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

भारत में हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने बॉलीवुड सेलेब्रिटीज़ के व्यक्तित्व अधिकारों की रक्षा को लेकर कई अहम आदेश दिए हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डीपफेक तकनीकों के माध्यम से इन सितारों की छवि, आवाज़ और नाम का अवैध रूप से व्यावसायिक उपयोग बढ़ने के कारण अदालतों ने इसे गंभीरता से लिया है। ऐश्वर्या राय बच्चन, अभिषेक बच्चन, करण जौहर, अमिताभ बच्चन, अनिल कपूर और जैकी श्रॉफ जैसे कलाकारों को इस प्रकार की सुरक्षा मिल चुकी है।

व्यक्तित्व अधिकार क्या हैं?

व्यक्तित्व अधिकार (Personality Rights) किसी व्यक्ति के नाम, छवि, आवाज, हस्ताक्षर और अन्य विशिष्ट पहचान को बिना अनुमति व्यावसायिक रूप से इस्तेमाल करने से रोकते हैं। भारत में ये अधिकार किसी एक कानून में संहिताबद्ध नहीं हैं, बल्कि गोपनीयता, मानहानि और पब्लिसिटी राइट्स के सामान्य विधिक सिद्धांतों से प्राप्त होते हैं।
कॉपीराइट अधिनियम, 1957 की धारा 38A और 38B कलाकारों को उनके प्रदर्शन को नियंत्रित करने और उसमें किसी भी विकृति का विरोध करने का अधिकार देती है। ट्रेड मार्क अधिनियम, 1999 के तहत, व्यक्ति अपने नाम, हस्ताक्षर या संवाद को ट्रेडमार्क के रूप में पंजीकृत कर सकते हैं।

अदालतों के प्रमुख फैसले

  1. राजगोपाल बनाम तमिलनाडु राज्य (1994): यह पहला ऐतिहासिक मामला था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने निजता के अधिकार को व्यक्तित्व अधिकारों का आधार माना।
  2. मैं हूं रजनीकांत मामला (मद्रास हाई कोर्ट): अभिनेता रजनीकांत की छवि, नाम और संवाद शैली के बिना अनुमति उपयोग पर अदालत ने प्रतिबंध लगाया, यह दर्शाते हुए कि पहचान योग्य होने मात्र से भी व्यावसायिक उपयोग पर रोक लगाई जा सकती है।
  3. अनिल कपूर बनाम 16 ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (2023): दिल्ली हाई कोर्ट ने अभिनेता के “झकास” संवाद, छवि और आवाज़ के उपयोग पर रोक लगाई, और व्यावसायिक उपयोग को अवैध बताया।
  4. अरिजीत सिंह मामला (बॉम्बे हाई कोर्ट): AI के ज़रिए उनकी आवाज की नकल (voice cloning) करने पर अदालत ने सख्त रुख अपनाया और इसे न्यायिक अंतरात्मा को झकझोरने वाला बताया।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • व्यक्तित्व अधिकार संविधान के अनुच्छेद 21 (निजता और गरिमा) से जुड़े हैं।
  • ट्रेडमार्क अधिनियम की धारा 27 के तहत “पासिंग ऑफ” रेमेडी उपलब्ध है।
  • अभिनेता जैसे अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान और प्रियंका चोपड़ा ने अपने नामों को ट्रेडमार्क करवाया है।
  • दिल्ली हाई कोर्ट ने “झकास” संवाद पर भी ट्रेडमार्क स्तर की सुरक्षा दी है।
Originally written on September 26, 2025 and last modified on September 26, 2025.

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