डिजिटल पहचान में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए UIDAI ने शुरू की SITAA योजना

डिजिटल पहचान में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए UIDAI ने शुरू की SITAA योजना

भारत की डिजिटल पहचान प्रणाली को और अधिक सुरक्षित, समावेशी और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने “स्कीम फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी एसोसिएशन विद आधार” (SITAA) की शुरुआत की है। यह पहल तकनीकी नवाचार, शोध और उद्योगों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बनाई गई है, जिससे भारत के ID Tech इकोसिस्टम को वैश्विक स्तर पर सशक्त बनाया जा सके।

SITAA योजना का उद्देश्य और कार्यप्रणाली

SITAA योजना का मुख्य उद्देश्य आधार से जुड़ी तकनीकों में नवाचार को प्रोत्साहित करना, स्वदेशी तकनीकों को बढ़ावा देना और भविष्य की पहचान प्रणालियों का सह-विकास करना है। इसके तहत स्टार्टअप, शैक्षणिक संस्थान और उद्योगों को UIDAI के साथ सीधे सहयोग करने का अवसर मिलेगा। इस योजना के अंतर्गत जो समाधान विकसित किए जाएंगे, वे सुरक्षित, स्केलेबल और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होंगे।
प्रारंभिक चरण में MeitY स्टार्टअप हब (MSH) और NASSCOM को UIDAI के रणनीतिक साझेदार के रूप में जोड़ा गया है। MSH तकनीकी परामर्श, इनक्यूबेशन और एक्सेलेरेटर सपोर्ट प्रदान करेगा, जबकि NASSCOM उद्योग से जुड़ाव, वैश्विक संपर्क और उद्यमिता सहायता उपलब्ध कराएगा।

पायलट चरण की चुनौतियाँ

SITAA का प्रारंभिक चरण तीन प्रमुख तकनीकी चुनौतियों पर केंद्रित है, जिनके लिए आवेदन 15 नवंबर 2025 तक खुले हैं:

  1. फेस लाइवनेस डिटेक्शनस्टार्टअप्स को ऐसे सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट किट्स (SDKs) विकसित करने के लिए आमंत्रित किया गया है, जो फोटो, वीडियो, मास्क, डीपफेक आदि जैसे स्पूफिंग हमलों को रोक सकें। ये समाधान UIDAI की प्रणाली में आसानी से एकीकृत होने चाहिए और विभिन्न डेमोग्राफिक्स व उपकरणों पर कुशलता से काम करने चाहिए।
  2. प्रेज़ेंटेशन अटैक डिटेक्शन (PAD)यह चुनौती शैक्षणिक और शोध संस्थानों के लिए है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग आधारित PAD तकनीकों पर काम कर रहे हैं। इसका उद्देश्य फेस-आधारित प्रमाणीकरण को अधिक सुरक्षित बनाना है।
  3. कॉन्टैक्टलेस फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशनइस चुनौती के तहत स्टार्टअप्स को ऐसे समाधान विकसित करने हैं जो स्मार्टफोन कैमरों या सस्ते इमेजिंग डिवाइसेस से संपर्करहित फिंगरप्रिंट कैप्चर कर सकें। यह तकनीक आधार नामांकन और प्रमाणीकरण दोनों के लिए उपयोगी होनी चाहिए।

खबर से जुड़े जीके तथ्य

  • UIDAI की स्थापना 2009 में भारत सरकार द्वारा की गई थी।
  • आधार दुनिया की सबसे बड़ी बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली है।
  • “आत्मनिर्भर भारत” और “डिजिटल इंडिया” जैसे अभियानों को SITAA योजना से सीधा समर्थन मिलता है।
  • MeitY स्टार्टअप हब भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) की एक प्रमुख पहल है।
Originally written on October 18, 2025 and last modified on October 18, 2025.

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