डिजिटल पंचायत: ग्राम शासन में तकनीक के माध्यम से बदलाव की ओर

भारत के ग्रामीण प्रशासन में एक बड़ा बदलाव उस समय आया जब पंचायती राज मंत्रालय (MoPR) ने ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाने के लिए डिजिटल सुधारों की एक श्रृंखला शुरू की। इन सुधारों का उद्देश्य शासन को तेज, पारदर्शी और समावेशी बनाना है। अब ग्राम सभाएं केवल बैठकों तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लेकर जियो-स्पेशल मैपिंग, डिजिटल लेखा प्रणाली और नागरिकों के लिए मोबाइल ऐप्स तक, अनेक उपकरणों के माध्यम से पंचायतें एक आधुनिक और उत्तरदायी स्वरूप ले रही हैं।
पंचायतों में डिजिटल क्रांति के मुख्य पहलू
सबहासार, स्वामित्व, ई-ग्रामस्वराज, मेरी पंचायत ऐप, ग्राम मंचित्र, और पंचायत निर्णय जैसे डिजिटल उपकरण अब ग्रामीण शासन के प्रमुख स्तंभ बन चुके हैं। इन प्लेटफार्मों के माध्यम से निर्णय-लेने की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी हुई है और नागरिकों की भागीदारी भी बढ़ी है।
सबहासार: ग्राम सभाओं के लिए एआई सहायक
2025 में शुरू किया गया सबहासार, एक AI आधारित टूल है जो ग्राम सभा की ऑडियो या वीडियो रिकॉर्डिंग से स्वतः बैठक के मिनट्स तैयार करता है। यह भाषिणी प्लेटफॉर्म से जुड़ा है और 14 भाषाओं में कार्य करता है। अब अधिकारी दस्तावेज़ीकरण की बजाय सेवा वितरण पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
स्वामित्व योजना: संपत्ति अधिकारों का डिजिटलीकरण
2020 में शुरू हुई स्वामित्व योजना ग्रामीण भारत में भूमि स्वामित्व को स्पष्ट करने का प्रयास है। ड्रोन और डिजिटल मैपिंग तकनीक से घरों और भूमि की सीमाएं तय की जाती हैं। इससे ग्रामीणों को ऋण, संपत्ति विवाद समाधान और कर संग्रहण में सहायता मिलती है।
खबर से जुड़े जीके तथ्य
- भाषिणी मिशन का उद्देश्य डिजिटल सेवाओं को सभी भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराना है।
- स्वामित्व योजना में अब तक लाखों परिवारों को संपत्ति कार्ड जारी किए जा चुके हैं।
- ई-ग्रामस्वराज पोर्टल पर 2.7 लाख से अधिक पंचायतें पंजीकृत हैं।
- भारतनेट परियोजना के तहत 6.26 लाख गांवों में इंटरनेट सुविधा पहुंच चुकी है।